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महाविकास आघाडी (MVA) के नेताओं ने सरकार के खिलाफ किया विरोध-प्रदर्शन

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन महाविकास आघाडी (MVA) के नेताओं ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। किसान सुरक्षा, महिला सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरा है।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होकर 4 अगस्त तक चलेगा। वहीं, विधानमंडल के मानसून सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों ने सोमवार को भी राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया।

सोमवार को पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर और मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में विधायक विधानभवन की सीढ़ियों पर एकत्र हुए। यहां इन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। महाविकास अघाड़ी के विधायकों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।
इस दौरान उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) की ओर से केवल अंबादास दानवे मौजूद थे। जबकि विरोध-प्रदर्शन के दौरान शरद पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) खेमे का कोई भी विधायक मौजूद नहीं था।

चाय पार्टी का बहिष्कार
वहीं, शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार समूह) सहित विपक्षी खेमे ने रविवार को राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया था। विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने कहा था कि यह सरकार कलंकित है, असंवैधानिक है, दागी है, इसलिए इनके साथ चाय पीने में विपक्ष को कोई रुचि नहीं है।

दानवे ने आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्ष पर दबाव बनाने और उन्हें सरकार में शामिल करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में लोकतंत्र की एक भयावह तस्वीर देख रहे हैं क्योंकि कई संवैधानिक मानदंडों की अवहेलना की जा रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री खुद अयोग्यता का सामना कर रहे हैं।