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मार्च के पहले सप्ताह में हो सकता है लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान

नयी दिल्ली, लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान मार्च के पहले हफ्ते में हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है। आम चुनाव कितने चरण और किन महीनों में होंगे, अभी इस पर चुनाव आयोग में फैसले की प्रक्रिया चल रही है।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव कितने चरण में होंगे, यह सुरक्षा बलों की उपलब्धता और अन्य जरूरतों पर निर्भर करेगा। उन्होंने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े चुनाव कार्यक्रम का ऐलान मार्च के पहले हफ्ते में हो सकता है। ऐसी संभावना है कि चुनाव आयोग पिछली बार की तरह ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव को भी लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए।
जम्मू और कश्मीर की विधानसभा भंग हो चुकी है, लिहाजा चुनाव आयोग को 6 महीने के भीतर वहां भी चुनाव कराने हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा नवंबर 2018 में भंग हुई थी और वहां मई 2019 तक चुनाव कराने हैं। ऐसे में, चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव भी करा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में मई से पहले ही चुनाव कराए जा सकते हैं और यह वहां की जटिल सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्य परिस्थितियों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता है जो 16 मार्च 2021 को खत्म होता। हालांकि, अन्य विधानसभाओं और लोकसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है। सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल 27 मई 2019 को खत्म हो रहा है। इसी तरह आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश की विधानसभाओं के कार्यकाल क्रमशः 18 जून, 11 जून और 1 जून को खत्म हो रहे हैं।
2004 में चुनाव आयोग ने 29 फरवरी को लोकसभा का चुनाव 4 चरणों में कराने का ऐलान किया। तब पहले चरण का मतदान 20 अप्रैल को और आखिरी चरण का मतदान 10 मई को हुआ था। 2009 में चुनाव आयोग ने 2 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। तब 5 चरणों में आम चुनाव हुए थे जो 16 अप्रैल को शुरू होकर 13 मई को समाप्त हुए थे। इसी तरह, 2014 में चुनाव आयोग ने 5 मार्च को लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया था। पिछली बार के आम चुनाव 9 चरणों में अप्रैल और मई में हुए थे। पहले चरण की वोटिंग 7 अप्रैल को और आखिरी चरण की वोटिंग 12 मई को हुई थी।