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मुंबई कांग्रेस की घोषणा- 2022 का बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी कांग्रेस

मुंबई: साल 2022 में होने वाले मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी चुनाव) में कांग्रेस खुद के दम पर मैदान में उतरेगी। मुंबई कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष भाई जगताप ने यह घोषणा की है। इस चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
मुंबई कांग्रेस की इस घोषणा के बाद यह लड़ाई और भी ज्यादा दिलचस्प हो गई है। एक तरफ जहां राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने मिलकर सरकार बनाई है तो वहीं गठबंधन से अलग जाते हुए देश की सबसे धनी महानगरपालिका पर कब्जा जमाने का सपना कांग्रेस देख रही है।
जगताप ने कहा कि हमनें बीएमसी के सभी 227 वार्डों के लिए चुनाव तैयारी शुरु कर दी गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अकेले चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी हाईकमान को भी राजी कर लिया जाएगा।
मुंबई कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में विधायक भाई जगताप ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ कर चले गए हैं, उन्हें फिर पार्टी में वापस लाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने झोपड़पट्टी में रहने वालों को मुफ्त पानी देने की मांग की। जगताप ने कहा कि झोपड़ों में रहने वालों को मुफ्त में पीने का पानी दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएमसी को जलापूर्ति से 500 करोड़ रुपये का शुल्क मिलता है। इसमें से 162 करोड़ रुपये झोपड़ों से आता है। ऐसे में झोपड़ों में रहने वाले लोगों को बीएमसी मुफ्त में पानी देती है तो इससे बीएमसी की तिजोरी पर 168 करोड़ का बोझ पड़ेगा। बावजूद इन लोगों को मुफ्त पानी देना जरूरी है। मुंबई शहर में पानी माफियाओं का राज है। जिनकी वजह से गरीब लोगों को पानी नहीं मिल पाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने झोपड़ीवासियों के घर को नियमित करने की घोषणा की थी लेकिन उसके आगे क्या हुआ यह किसी को नहीं पता।

10 साल में निकले आरक्षण की लॉटरी
कांग्रेस नेता ने मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर कहा कि इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। सन 2012 से पहले 10 साल में एक बार सीटों के आरक्षण की लॉटरी निकाली जाती थी, अब हर पांच साल में निकाला जा रहा है। इससे नगरसेवक असुरक्षित महसूस करते हैं। उन्हें पांच साल में आरक्षण के चलते सीट बदलने का डर सताता रहता है। इससे वार्ड का सही विकास नहीं हो पाता।

कांग्रेस की तैयारी, हर वार्ड में जनता दरबार
मुंबई महानगरपालिका में हम विरोधी पक्ष की भूमिका में है लेकिन महाराष्ट्र में हम सत्ता में हैं और महाविकास अघाड़ी के सदस्य हैं। महाराष्ट्र सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत चल रही है। इसलिए बीएमसी और महाविकास अघाड़ी का कोई संबंध नहीं है। मैंने पहले दिन ही कहा था कि हम अपने दम पर बीएमसी का चुनाव लड़ेंगे। अगले 100 दिनों में हम हर वार्ड में जाएंगे और वहां पर जनता दरबार लगाएंगे। लोगों की समस्याओं को सुनेंगे उन्हें हल करने का प्रयास करेंगे। इस प्रकार हम मुंबई की 227 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।