ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: कांग्रेस-राकांपा का आरोप- छत्रपति शिवाजी स्मारक निर्माण में हुआ घोटाला 25th September 201925th September 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अरब सागर में बनने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। विपक्ष के दोनों दलों ने इस मामले में न्यायालयीन जांच की मांग की है। इस संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को पत्र लिखेंगे। मंगलवार को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने संयुक्त पत्रकार परिषद में स्मारक को लेकर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जवाब देना चाहिए कि स्मारक के टेंडर की राशि कम करने के लिए ठेका पानी वाली कंपनी एल एंड टी से समझौता करते समय सीवीसी के नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। इस समझौते पर आपत्ति जताते हुए दो लेखापालों की तरफ से जांच के लिए कैग को भेजे गए पत्र के बारे में उनकी क्या भूमिका है। सावंत ने पूछा कि शिव स्मारक के काम का करार मुख्य अभियंता और ठेकेदार के बजाय कार्यकारी अभियंता और ठेकेदार के बीच क्यों किया गया। सावंत ने कहा कि स्मारक के निर्माण के लिए साल 2017 में टेंडर जारी किया गया था। इसमें एल एंड टी कंपनी ने 3 हजार 826 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। टेंडर में शिवस्मारक की ऊंचाई कुल 121.2 मीटर तय की गई थी। जिसमें शिवाजी महाराज की प्रतिमा 83.2 मीटर ऊंची और तलवार की लंबाई 38 मीटर थी। लेकिन बाद में एल एंड टी से करार करते समय सीवीसी के नियमों का उल्लंघन किया गया। सरकार ने एल एंड टी से समझौता करके ठेके की राशि 2 हजार 500 करोड़ रुपए तक कम किया लेकिन प्रतिमा की संरचना में बदलाव कर दिया गया। शिव स्मारक की ऊंचाई कुल 121.2 मीटर रखी गई लेकिन प्रतिमा की ऊंचा कम कर 75.7 मीटर कर दी गई। जबकि तलवार की लंबाई बढ़ाकर 45.5 मीटर कर दिया गया। इसके अलावा स्मारक क्षेत्र को 15.6 हेक्टेयर से कम करके 12.8 हेक्टेयर कर दिया गया। सावंत के अनुसार स्मारक के काम के लिए 28 जून 2018 को हुए छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक परियोजना विभाग के कार्यकारी अभियंता और एल एंड टी कंपनी के बीच हुए करार पर आपत्ति जताते हुए परियोजना के वरिष्ठ विभागीय लेखापाल एस के सिंह ने कैग को पत्र लिया। उन्होंने कैग को लिखे पत्र में कहा कि ठेकेदार से समझौते के समय मुझे करार के संबंध में निर्णय प्रक्रिया में सहभागी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सीवीसी के नियमों के अनुसार समझौता करके ठेके की राशि में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। यदि बदलाव करना है तो दोबारा टेंडर जारी करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि सिंह का तबादला होने के बाद दूसरे विभागीय लेखापाल अधिकारी विकास कुमार की नियुक्ति हुई। उन्होंने भी 26 फरवरी को एक पत्र लिखकर परियोजना का लेखा परीक्षण करने की मांग की। सावंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मौखिक आदेश के बाद स्मारक निर्माण का काम बंद है लेकिन परियोजना पर लगभग 80 करोड़ रुपए खर्च होने की बात राज्य सरकार ने की है। लेकिन अधिकारियों पर काम के बिल मंजूर करने का दबाव है। सावंत ने कहा कि दोनों लेखापाल ने अपनी आपत्ति का पत्र राज्य सरकार और पीडब्लूडी विभाग को न लिखते हुए सीधे कैग को लिखा है। इससे समझ में आता है कि उनपर कितना दबाव होगा। जल्द करेंगे और खुलासाः नवाब मलिकवहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के पीडब्लूडी मंत्री चंद्रकांत पाटील भी जिम्मेदारी हैं। इसलिए दोनों को इस पर जवाब देना चाहिए। मलिक ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री के जवाब का इंतजार है। इसके बाद स्मारक के काम में भ्रष्टाचार का एक और खुलासा करेंगे। उदयनराजे के भाजपा प्रवेश से परेशान है विपक्षः पाटीलदूसरी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व पीडब्लूडी मंत्री पाटील ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले के भाजपा में प्रवेश करने से विपक्ष को झटका लगा है। पाटील ने कहा कि विपक्ष का आरोप खोखला है। प्रारंभ में टेंडर प्रक्रिया 210 मीटर के हिसाब से पूरी की गई थी बाद में ऊंचाई 212 मीटर करने का फैसला किया गया। स्मारक के चबूतरे की ऊंचाई कायम रखते हुए प्रतिमा की ऊंचाई बढ़ाई गई है। Post Views: 129