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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ एसीबी करेगी जांच, जानें- क्या है पूरा मामला?

मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब महाराष्ट्र सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो यानी (एसीबी) को आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ ओपन जांच के आदेश दे दिए हैं. ओपन जांच का मतलब होता है कि अब एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी अधिकारिक रूप से पूरे मामले में किसी को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है और कानूनी रूप से किसी भी दस्तावेज की जांच भी कर सकती है.
बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र के 2 पुलिस इंस्पेक्टरों ने शिकायत की थी, जिनमें से एक पुलिस इंस्पेक्टर का नाम अनूप डांगे है. अनूप डांगे ने 2019 में शिकायत की थी कि परमबीर सिंह ने उन्हें एक छापेमारी के दौरान सस्पेंड कर दिया था और आरोपियों को बचाने की पूरी कोशिश की थी. बाद में अनूप डांगे ने आरोप लगाया कि उन्हें वापस पुलिस फोर्स में लाने के लिए करोड़ों रुपये की रिश्वत मांगी गई.
2019 में अननुप डांगे ने मुंबई के एक पब में छापेमारी की थी, जिसके बाद पंप के मालिक ने अनूप डांगे को बताया है कि वह परमबीर सिंह के काफी करीब हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बाद परमबीर सिंह ने पुलिस इंस्पेक्टर अनूप डांगे को सस्पेंड कर दिया था और उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए थे. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे ने भी कुछ इसी तरीके का आरोप आईपीएस अधिकारी और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर लगाए हैं.
इन दोनों आरोपों के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने शुरुआत में डिस्क्रीट जांच करनी शुरू की. जब एंटी करप्शन ब्यूरो को डिस्क्रीट जांच में कुछ सबूत मिले तब एसीबी ने ओपन जांच के आदेश के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूछा. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ ओपन जांच के आदेश दे दिए हैं. इस आदेश के बाद अब परमबीर की मुश्किलें काफी बढ़ती नजर आ रही हैं. इसके अलावा भी देशमुख पर सिंह ने कई आरोप लगाए थे. बाद में हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए थे. तब देशमुख को पद छोड़ना पड़ा था.