दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृहमंत्री देशमुख पर लगाया हर महीने 100 करोड़ मांगने का आरोप! सीएम ठाकरे को लिखा पत्र

मुंबई: महाराष्ट्र में एक तरफ जहां कोरोना बेकाबू हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक माहौल भी काफी गरमाया हुआ है। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है। इसके लिए पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। 20 मार्च को लिखे इस पत्र में परमबीर सिंह ने लिखा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए हर माह उगाही करने को कहा था। पत्र में सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के इंटेलिजेंस यूनिट की जिम्मेदारी संभालने वाले सचिन वाजे को देशमुख ने अपने आवास पर कई बार बुलाया था। गृहमंत्री ने वाजे को बार, रेस्तरां, अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के निर्देश दिए थे।

पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के इस खुलासे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आने की सम्भावना कही जा रही है। कयास लगाया जा रहा है कि परमबीर सिंह का आरोप यदि सही निकला तो गृहमंत्री अनिल देशमुख की छुट्टी निश्चित है। फ़िलहाल, सच्चाई कुछ भी हो…परमबीर सिंह के इस आरोप ने राकांपा चीफ शरद पवार की भी नींद उड़ा दी है।

गृहमंत्री देशमुख ने कहा- परमबीर को डर है कि इसके कनेक्शन उसके पास पहुंच जाएंगे
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए ट्वीट कर कहा है कि ‘एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन केस में सचिन वाझे के सीधे लिंक सामने आ रहे हैं। ऐसे में परमबीर सिंह को डर है कि इसका कनेक्शन कहीं उन तक ना पहुंच जाएं। उन्होंने कानूनी कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए कई झूठे आरोप मुझ पर लगाए हैं।

परमबीर सिंह के आरोप पर बीजेपी हमलावर
पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर के आरोप के बाद बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हो गई है। वरिष्ठ बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख वसूली का धंधा करते थे। सचिन वाझे उनका वसूली एजेंट था। बीयर बार से लेकर हर जगह से वसूली का काम करते थे। गृहमंत्री अनिल देशमुख को तुरंत हटा देना चाहिए।

जिम्मेदार मंत्री तुरंत इस्तीफा दे दें: राम कदम
वहीं, बीजेपी के एक अन्य नेता राम कदम ने कहा कि 16 महीने से महाराष्ट्र में ठाकरे की सरकार है, जिस वजह से 1600 करोड़ रुपये हो गए। कई जिले और कई शहर हैं, वहां से भी कई करोड़ रुपये के लिए कहा गया होगा। पुलिस डिपार्टमेंट एक डिपार्टमेंट है। उसी प्रकार 22 विभाग हैं तो क्या हर मंत्री ने अपने विभागों को वसूली करने के आदेश दिए हैं। सरकार जनता की रक्षा के लिए होती है, लेकिन तीन दलों की सरकार ने जनता का शोषण करने को कहा। इतना घिनौना काम कभी भी नहीं हुआ। अगर थोड़ी भी शर्म बची है तो जिम्मेदार मंत्री तुरंत इस्तीफा दे दें।
बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाझे पर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो पार्क करने वाली टीम में शामिल होने का आरोप है। उन्हें एनआईए ने हाल ही में गिरफ्तार किया है।

परमबीर सिंह को हाल ही में पद से हटाया गया
परमबीर सिंह को हाल ही में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाया गया है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि आईपीएस अधिकारी के कुछ सहकर्मियों की गंभीर और माफ नहीं की जा सकने वाली गलतियां के चलते उनका तबादला किया गया। परमबीर सिंह के तबादले के बाद देशमुख ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुलिस अधिकारी सचिन वाझे प्रकरण की जांच उपयुक्त तरीके से और बगैर किसी बाधा के हो सके।
गौरतलब है कि परमबीर सिंह, उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर एक संदिग्ध गाड़ी बरामद होने के मामले से निपटने के तरीके को लेकर आलोचना का सामना कर रहे थे। इस गाड़ी से जिलेटिन की छड़े बरामद हुई थी।

पूर्व सीएम फडणवीस ने पूछा था- परमबीर सिंह और सचिन वाझे पर किसका आशीर्वाद?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देंवेंद्र फडणवीस ने एटीलिया केस में गिरफ्तार हुए सचिन वाझे को लेकर शिवसेना और उद्धव ठाकरे सरकार को घेरा था। फडणवीस ने हाल ही में विधानसभा में दावा किया था कि जव वह शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे तब भी उद्धव ठाकरे ने वाझे को बहाल करने का दबाव उन पर डाला था। इसके लिए खुद उद्धव ठाकरे ने फोन पर बात की थी और शिवसेना के कुछ मंत्रियों ने मुलाकात करके सिफारिश की थी। पूर्व सीएम ने कहा था कि उन्होंने कानूनी सलाह और वाझे के रिकॉर्ड को देखते हुए बहाल नहीं किया था।
एपीआई सचिन वाझे को 2004 में सस्पेंड कर दिया गया था। 2008 में उन्होंने वीआरएस ले लिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया था। वह शिवेसना में भी शामिल हुए थे और प्रवक्ता की भूमिका भी निफाई थी। देवेंद्र फडणवीस ने यहां तक कहा था कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए गए परमबीर सिंह और सचिन वाझे छोटे लोग हैं, इसके पीछे किसका आशीर्वाद है, इसकी जांच होनी चाहिए।

CM उद्धव ठाकरे का दफ्तर बोला- ऑफिशियल आईडी से नहीं आया मेल, साइन भी नहीं
वहीँ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 100 करोड़ रुपये की वसूली से संबंधित लेटर सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया है। दफ्तर ने कहा है कि आज शाम को मेल आईडी पर परमबीर सिंह का लेटर मिला है। हालांकि, वह इमेल एड्रेस परमबीर सिंह का आधिकारिक एड्रेस नहीं है। वहीं, इस पत्र में उनके सिग्नेचर भी नहीं हैं। महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर ऑफिस ने कहा, आज शाम 4:37 बजे परमबीर सिंह का लेटर मिला। यह लेटर एक अलग इमेल एड्रेस के जरिए भेजा गया था। यह उनका आधिकारिक एड्रेस नहीं है और न ही उस पर उनके सिग्नेचर थे। इस नए इमेल एड्रेस को चेक करना पड़ेगा। गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है।

मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपने और ACP संजय पाटील के बीच 16 से 19 मार्च को हुई बातचीत का जिक्र भी किया है.

ये रही पूरी बातचीत…
परमबीर सिंह: 16 मार्च, 4.59 pm
पाटिल, होम मिनिस्टर और पलांडे ने तुम्हें कितने बार, रेस्टोरेंट और ऐसे ही इस्टैब्लिशमेंट बताए थे. तुम उनसे फरवरी में कब मिले थे और कितना एक्सपेक्टेड कलेक्शन तुम्हें बताया गया था.

जब परमबीर सिंह के मैसेज का ACP पाटिल ने रिप्लाई नहीं किया तो उन्होंने एक और मैसेज किया-

परमबीर सिंह: 16 मार्च, 05.00 pm
अर्जेंट प्लीज

ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.18 pm
1750 बार और इस्टैब्लिशमेंट, हर इस्टैब्लिशमेंट से 3 लाख रुपये. इसके हिसाब से हर महीने में 50 करोड़ रुपये का कुल कलेक्शन.

ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.23 pm
पलांडे ने डीसीपी इंफोर्समेंट (राजू भुजबल) के सामने 4 मार्च को बताया था.

परमबीर सिंह: 16 मार्च, 5.25 pm
और तुम इससे पहले HM से कब मिले थे.

ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.26 pm
हुक्का ब्रीफिंग से चार दिन पहले.

परमबीर सिंह: 16 मार्च, 5.27 pm
और वझे HM से कौन सी तारीख को मिला था?

ACP पाटिल: 16 मार्च, 5.33 pm
Sir, वो तारीख मुझे नहीं पता है.

परमबीर सिंह: 16 मार्च, 7.40 pm
तुमने बताया था कि वो तुम्हारी मीटिंग से कुछ दिन पहले मिला था.

ACP पाटिल: 16 मार्च, 8.33 pm
Yes Sir, लेकिन वो फरवरी महीने के आखिर में हुआ था.

परमबीर सिंह: 19 मार्च, 8.02 pm
पाटिल, मुझे कुछ और इन्फॉर्मेशन चाहिए. क्या वझे, HM से मिलने के बाद तुमसे मिला था?

ACP पाटिल: 19 मार्च, 8.53 pm
Yes Sir, वझे HM से मीटिंग के बाद मुझसे मिला था.

परमबीर सिंह: 19 मार्च, 9.01 pm
क्या वझे ने तुम्हें कुछ बताया था कि वो HM से क्यों मिला था?

ACP पाटिल: 19 मार्च, 9.12 pm
Sir, वझे ने मुझे मीटिंग की वजह बताई थी कि 1750 इस्टैब्लिशमेंट हैं जिनसे उसे हर महीने 3 लाख रुपये उनके लिए (HM) कलेक्शन करने थे. जो करीब 40 करोड़ से 50 करोड़ होता है.

परमबीर सिंह: 19 मार्च, 9.13 pm
Oh ये तो वही बात है जो तुम्हें HM ने बोली थी.

ACP पाटिल: 19 मार्च, 9.15 pm
4 मार्च को पलांडे ने वही बात कही.

परमबिर सिंह: 19 मार्च, 9.19 pm
Oh yes, तुम पलांडे को 4 मार्च को मिले थे?

ACP पाटिल: 19 मार्च 9.17 pm
यस सर मुझे बुलाया गया था.