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मुंबई पुलिस आयुक्त बोले- सुशांत सिंह राजपूत को थी बाइपोलर बीमारी! हम हर पहलू पर कर रहे हैं जांच

मुंबई: मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सोमवार को कहा कि 34 वर्षीय अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत के समय बाइपोलर बीमारी से ग्रसित थे। बाइपोलर एक मानसिक स्थिति है जिसमें मूड काफी तेजी से बदलता है।
मुंबई पुलिस आयुक्त ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पता चला है कि अभिनेता को बाइपोलर बीमारी थी और उनका उपचार चल रहा था तथा वह इसकी दवा ले रहे थे। किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई, यह हमारे लिए जांच का विषय है। परमबीर सिंह के मुताबिक, सुशांत ने गूगल पर दर्द रहित मौत, सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसे शब्दों को सर्च किया था।
जानकारी साझा करते हुए विख्यात फोटोग्राफर विरल भयानी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, आयुक्त परमबीर सिंह ने आज प्रेस को कुछ अहम् बातें बताईं।

उन्होंने लिखा- सुशांत ने गूगल पर आर्टिकल और अपने नाम को खोजा था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके बारे में क्या लिखा जा रहा है। उन्होंने दर्द रहित मौत, सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर के बारे में भी सर्च किया।
आयुक्त ने कहा कि मुंबई पुलिस की जांच में किसी भी नेता का नाम सामने नहीं आया है। बिहार की पुलिस टीम के साथ सहयोग नहीं करने का सवाल ही नहीं है। बिहार पुलिस की एक टीम सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच के लिए महानगर आई हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस कानूनी मशविरा कर रही है।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की 8 जून को हुई मौत से उन्हें जोड़े जाने के कारण अभिनेता दुखी थे। महाराष्ट्र के एक प्रमुख युवा नेता के नाम का सोशल मीडिया पर जिक्र किए जाने के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, अभी तक की जांच में किसी नेता का नाम नहीं आया है। किसी भी पार्टी के किसी भी नेता के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा, बिहार पुलिस की प्राथमिकी में कहा गया है कि सुशांत के खाते से 15 करोड़ रुपये निकाले गए। जांच के दौरान हमने पाया कि उनके खाते में 18 करोड़ रुपये थे, जिनमें से साढ़े चार करोड़ रुपये अब भी हैं। उन्होंने कहा कि सुशांत की पूर्व गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के खाते में सीधे धन अंतरण की पुष्टि अभी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच के दौरान फॉरेंसिक विशेषज्ञों और चिकित्सकों से परामर्श किया है। हमने उनके घर के 13 और 14 जून के सीसीटीवी फुटेज हासिल किए हैं लेकिन वहां पार्टी होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। उन्होंने कहा, सुशांत के पिता, बहन और बहनोई के बयान 16 जून को दर्ज किए गए। उस वक्त उन्होंने न तो कोई संदेह जताया, न ही हमारी जांच में किसी तरह की खामी की शिकायत की। पुलिस आयुक्त ने कहा, हर बिंदु से जांच की जा रही है, चाहे पेशेवर प्रतिद्वंद्विता हो, वित्तीय लेन-देन हो या स्वास्थ्य का पहलू हो।

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को दावा किया कि पटना के आईपीएस विनय तिवारी बॉलीवुड अभिनेता की मौत की जांच के सिलसिले में मुंबई गए थे जहां बीएमसी अधिकारियों ने उन्हें ‘जबर्दस्ती पृथक-वास’ में भेज दिया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि अधिकारी को जबरन पृथक-वास में भेजना गलत है। सीएम ने पटना में संवाददाताओं से कहा, उनके साथ जो भी हुआ है, वह अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विषय राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने महाराष्ट्र के अधिकारियों के समक्ष उठाया है। वह (पांडेय) खुद संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या इस विषय को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में वह कुछ कहना चाहेंगे, सीएम नीतीश कुमार ने कहा, यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह बिहार पुलिस के एक कानूनी दायित्व का विषय है। हम इसे पूरा करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। हालांकि, वह सुशांत की मौत के मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश के बारे में सवालों को टाल गये।

बिहार विधानसभा में सोमवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने सबसे पहले यह मांग की। बबलू दिवंगत अभिनेता के रिश्तेदार भी हैं। उन्होंने यह मांग उस समय की, जब सदन द्वारा 12 विधेयक पारित किए जाने के बाद अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदस्यों को इस विषय पर बोलने की अनुमति दी। विधानसभा का मानसून सत्र एक दिन के लिए आहूत किया गया है। बबलू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुखातिब होते हुए राज्य सरकार से अनुरोध किया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र सरकार बिहार पुलिस के रास्ते में बाधाएं खड़ी करने की कोशिश कर रही है और उसे मामले की सही तरीके से जांच करने से रोक रही है। बबलू की पत्नी और भाजपा विधान पार्षद नूतन सिंह ने विधान परिषद में यह मुद्दा उठाया।

भाजपा विधायक ने रविवार को पटना से मुंबई पहुंचे एक आईपीएस अधिकारी को जबरन पृथकवास” में भेजे जाने को रेखांकित किया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यह मामला केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मांग का समर्थन किया और जोर दिया कि राजद पहली पार्टी थी, जिसने ऐसी मांग की थी। उन्होंने कहा, मैंने सुशांत राजपूत की मौत के तुरंत बाद सीबीआई को पत्र लिखा था और यह भी अनुरोध किया था कि राजगीर में प्रस्तावित फिल्म सिटी का नाम दिवंगत अभिनेता के नाम पर रखा जाए।” कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने सुझाव दिया कि अभिनेता की मौत की सीबीआई से जांच की मांग के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया जाए। वह सदन के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के विधायक राजू तिवारी और कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह सहित अन्य विधायकों ने भी मामले की सीबीआई से जांच कराने का समर्थन किया। मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने कहा कि मामले में दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज करने के बाद जांच चल रही है और मुंबई पुलिस ने अभी तक 56 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि सुशांत की बहन के भी बयान दर्ज किए गए हैं।