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मुंबई पुलिस में वसूली रैकेट का पर्दाफाश: तूने बहुत पैसा कमाया, अब एक करोड़ दे! एक DCP समेत 3 पर FIR दर्ज

मुंबई: मुंबई पुलिस पर आरोप है कि क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिसकर्मी धमकियां देकर पैसा वसूली करते हैं। क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मियों और उनके मुखबिरों पर ये आरोप अंधेरी (पश्चिम) स्थित अमृत गंगा बिल्डिंग में रहने वाले बिजनेसमैन गुरुशरण सिंह चौहान ने लगाए हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के बीच हुए टकराव के दौरान पहली बार ऑन रिकॉर्ड मुंबई पुलिस महकमे में 100 करोड़ रुपए के वसूली टारगेट का खुलासा हुआ था, लेकिन अंधेरी स्थित क्राइम ब्रांच यूनिट-10 और कांदिवली स्थित क्राइम ब्रांच यूनिट-11 के कुछ अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे कथित वसूली रैकेट का खुलासा आसानी से नहीं बल्कि कोर्ट के दखल के बाद हुआ है।
इस मामले में पीड़ित पक्ष और शिकायतकर्ता गुरुशरण सिंह चौहान (50) को मुंबई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक न्याय की गुहार लगानी पड़ी। जब सुप्रीम कोर्ट ने अंधेरी स्थित स्थानीय कोर्ट में न्याय मांगने का निर्देश दिया और अंधेरी कोर्ट ने अंबोली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया तब जाकर 25 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई। इस एफआईआर में पुलिस उपायुक्त अकबर पठान, सीनियर इंस्पेक्टर चिमाजी आढाव और पुलिस निरीक्षक सुनिल माने को अभियुक्त बनाया गया है।
बता दें कि इस वसूली कांड में नामजद अभियुक्त सुनिल माने निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाझे के साथ तलोजा जेल में बंद है।

पुलिस महकमे में खलबली मचाने वाला क्या है ये पूरा मामला?
मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में गुरुशरण सिंह चौहान की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि जून 2019 से मार्च 2020 तक क्राइम ब्रांच यूनिट-10 और क्राइम ब्रांच यूनिट-11 के अधिकारियों ने अपने मुखबिर के जरिए गुरुशरण सिंह से 17 लाख रुपए की वसूली की। कांदिवली (पश्चिम) स्थित क्राइम ब्रांच यूनिट-11 के सीनियर इंस्पेक्टर चिमाजी आढाव को देने के लिए पुलिस के मुखबिरों ने चौहान से पहले 50 लाख रुपए की डिमांड की थी। पैसे न देने पर उसके खिलाफ धोखाधड़ी का फर्जी मामला दर्ज करने की धमकी दी। बाद में 50 लाख रुपए की डिमांड घटाकर 17 लाख रुपए कर दी गई और किस्तों में चुकाने को कहा गया। इसमें से 5 लाख रुपए की पहली किस्त चिमाजी आढाव को देने के लिए पुलिस के मुखबिर नासिर खान, आजम खान, इम्तियाज उर्फ पप्पू और संतोष ने वसूली। इसके बाद 2 लाख रुपए की दूसरी किस्त और ढाई-ढाई लाख रुपए की तीसरी और चौथी किस्त की वसूली की गई। मुखबिरों ने इसके बाद डेढ़ लाख रुपए की वसूली अपने लिए भी की। पुलिसकर्मियों के लिए 12 लाख रुपए देने के बाद शिकायतकर्ता ने 5 लाख रुपए की आखिरी किस्त मुखबिर के साथ जाकर क्राइम ब्रांच यूनिट-11 में दी। यहां पुलिस अधिकारी चिमाजी आढाव ने कुल 17 लाख रुपए मिलने की पुष्टि की।

वसूली की कुछ रकम पुलिस उपायुक्त को देने के आरोप
पीड़ित गुरुशरण को कांदिवली क्राइम ब्रांच के अधिकारी चिमाजी आढाव ने 17 लाख रुपए मिलने पर बताया था कि वसूली की कुछ रकम पुलिस उपायुक्त अकबर पठान को भी पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही चिमाजी आढाव ने गुरुशरण से कहा है कि अब कांदिवली क्राइम ब्रांच उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी वे बिलकुल निश्चिंत रहें।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा?
कांदिवली क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने 17 लाख रुपए की वसूली शिकायतकर्ता गुरुशरण सिंह चौहान (50) से कर ली, तो अंधेरी क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनिल माने ने उन्हें पैसे उगाही के लिए उठा लिया। यहां पुलिस उपायुक्त अकबर पठान के सामने चौहान को हाजिर किया गया। अंधेरी क्राइम ब्रांच के अधिकारी सुनिल माने ने चौहान से एक करोड़ देने की मांग करते हुए धमकी दी। बाद में पुलिसकर्मियों ने फिर से 40 लाख रुपए देने की मांग की और पुलिस उपायुक्त पठान ने भी गुरुशरण को धमकाया था।
इस पर चौहान ने पठान को कांदिवली क्राइम ब्रांच में 17 लाख रुपए देने के बारे में बताया। इससे नाराज पठान ने चौहान को धमकाते हुए कहा- अभी तेरे को कैसे इंजेक्शन देते हैं देखना। ऐसा कहकर पठान ने पुलिसकर्मियों से कहा कि बगल के कमरे में से करंट देने वाली मशीन लेकर आएं। बाद में गुरुशरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

मुंबई पुलिस का क्या है कहना?
मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने इस मामले में FIR दर्ज होने की पुष्टि की है। पुलिस उपायुक्त और मुंबई पुलिस के प्रवक्ता एस चैतन्य ने कहा कि इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट में जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वहीं आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर चिमाजी आढाव का कहना है कि चौहान के आरोप बेबुनियाद हैं।