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मुंबई पुलिस में सचिन वाझे की क्‍यों हुई थी वापसी? पुलिस आयुक्त नगराले ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट!

मुंबई: एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मर्डर में आरोपी मुंबई पुलिस के निलंबित एपीआई सचिन वाझे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मुंबई के पुलिस कमिश्‍नर हेमंत नागराले ने सचिन वाझे की मुंबई पुलिस में वापसी और मुंबई सीआईयू अपराध शाखा में उनके नौ महीने के कार्यकाल के बारे में महाराष्ट्र गृह विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी है।
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस में सचिन वाझे की भूमिका से राज्‍य सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। मुंबई पुलिस में वाझे की वापसी को लेकर कई तरह के प्रश्‍न खड़े हो रहे थे। जिसे लेकर ये रिपोर्ट दी गई है। इसमें उन सभी कारणों को बताया गया है जिसे लेकर वाझे की मुंबई पुलिस में वापसी हुई थी।

पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह से सचिन वाझे का सीधा कनेक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, जॉइंट CP क्राइम ने सचिन वाझे की पोस्टिंग को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के सिर्फ मौखिक तौर पर कहने पर ही करवाया था। इंस्पेक्टर विनय घोरपड़े और सुधाकर देशमुख को भी CIU यूनिट में ट्रांसफर किया गया था।

सीधे पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करता था वाझे
रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन वाझे क्राइम ब्रांच के किसी भी बड़े अधिकारियों के बजाय सीधे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को रिपोर्ट किया करता था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन जॉइंट CP क्राइम ने सचिन वाझे की नियुक्ति का विरोध किया था, लेकिन परमबीर सिंह के दबाव में उन्हें साइन करना पड़ा था।

कैसे हुई सचिन वाझे की वापसी, कैसे लिया गया निर्णय?

  • हेमंत नगराले की रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन वाझे की नियुक्ति का निर्णय कमिश्‍नर लेवल की एक बैठक के बाद किया गया था। इसमें मुंबई पुलिस के कई बड़े अधिकारी शामिल थे।
  • सचिन वाझे को 8 जून 2020 को लोकल आर्म्स यूनिट में शामिल किया गया था, लेकिन अगले ही दिन 9 जून 2020 को तत्कालीन जॉइंट CP क्राइम ने वाझे को CIU यूनिट में शामिल कर लिया। लोकल आर्म्स यूनिट एक नॉन एक्‍जीक्‍यूटिव शाखा है।
  • 9 जून 2020 को ज्‍वाइंट कमिश्‍नर के आदेश पर सचिन वाझे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में नियुक्‍त किया गया था।
    ज्ञात हो कि एंटीलिया और मनसुख हिरेन की हत्‍या मामले में सचिन वाझे शक के घेरे में हैं। सचिन वाझे अभी NIA की कस्‍टडी में हैं। इस मामले में NIA की टीम उन्‍हें बीते दिनों मुंबई के CST रेलवे स्‍टेशन भी लेकर गई थी जहां पर सीन रिक्रिएट किया गया था। वाझे आज 7 अप्रैल तक NIA की कस्‍टडी में हैं।

एनआईए के समक्ष पेश हुए परमबीर सिंह
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक एसयूवी पाए जाने के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुधवार को यहां एनआईए के समक्ष पेश हुए। इस एसयूवी में विस्फोटक सामग्री पाई गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि परमबीर सिंह कार से सुबह करीब साढ़े नौ बजे दक्षिण मुंबई में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के दफ्तर पहुंचे।
बता दें कि परमबीर सिंह को 25 फरवरी को अंबानी के घर के पास से एसयूवी बरामद किए जाने और उसके बाद ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के बाद पिछले महीने मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था। इस एसयूवी में विस्फोट सामग्री पाई गई थी। परमबीर सिंह अभी होम गार्ड्स के महानिदेशक पद पर हैं।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने मामले में बयान दर्ज कराने के लिए सिंह को तलब किया था। एनआईए ने दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर के पास यह वाहन खड़ा करने में कथित भूमिका के लिए सहायक पुलिस निरीक्षक सजिन वाझे को पिछले महीने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने मनसुख हिरेन की हत्या के संबंध में निलंबित पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर को भी गिरफ्तार किया था। हिरेन का शव 5 मार्च को ठाणे के मुंब्रा क्रीक में पाया गया था।

एनआईए के समक्ष पेश हुए प्रदीप शर्मा
मुंबई के पूर्व सीनियर इंस्पेक्टर व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा भी आज NIA के दफ्तर में पेश हुए। मुंबई क्राइम ब्रांच में 2004 तक सचिन वाझे प्रदीप शर्मा की टीम में शामिल था।
वर्तमान में प्रदीप शर्मा पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में शामिल हो गए हैं। उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना के टिकट पर लड़ा था।