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मुंबई: मास्क न पहनना पड़ा महंगा, गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी को देने पड़ेंगे 35 हजार!

मुंबई: कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए खीज भरे समय ने हर किसी को अशांत,अस्थिर व अव्यवस्थित कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मास्क न पहनने के कारण पुलिस की कार्रवाई का सामना कर रहे आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए उपरोक्त टिप्पणी की है। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी अक्षय बेंग्रुत ने हाईकोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया था।
जमानत आवेदन के मुताबिक, आरोपी अपने एक रिश्तेदार की दुकान पर गया था। इस दौरान आरोपी ने मास्क नहीं पहना था। इस पर जब सरकारी अधिकारी ने मास्क न पहनने को लेकर आरोपी से सवाल किया तो उसने कहा कि वह भोजन करने की तैयारी में है। इसलिए उसने मास्क निकाला है। इस पर आरोपी व सरकारी अधिकारी के बीच बहस शुरु हो गई। इसके बाद आरोपी के खिलाफ पुणे के समर्थनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। आरोपी ने भी इस मामले में सरकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। क्योंकि इस घटना के दौरान आरोपी का एक दाँत भी टूट गया था।
न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि यह मामला इसका संसक्त उदाहरण है कि कोरोना महामारी ने ऐसा वातावरण बनाया है जिसने हर किसी को अस्थिर व अव्यवस्थित कर दिया है। इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुरत नजर नहीं आती है। चूंकि आरोपी ने स्वेच्छा से 10 हजार रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की पेशकश की है। इसलिए उसे 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। इस तरह से आरोपी को मास्क न पहनने के चलते 35 हजार रुपए देने पड़ेंगे। न्यायमूर्ति ने आरोपी को मामले की जांच में सहयोग करने को कहा है।