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मुंबई में दो साल बाद लगा मशहूर ‘माउंट मैरी’ मेला, दर्शन करने रोजाना आते हैं लाखों श्रद्धालु

मुंबई,(राजेश जायसवाल): मुंबई का मशहूर ‘माउंट मैरी मेला’ 11 से 18 सितंबर तक चलेगा। वैसे तो बांद्रा में माउंट मैरी का मेला हर साल लगता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते दो साल बाद 11 सितंबर से ‘Mount Mary Fair 2022’ का आयोजन किया गया है।
बता दें कि ब्रांद्रा का ‘मांउट मेरी मेला’ मुंबई के सबसे मशहूर मेलों में से एक है। यहां लोग दूर-दूर से इस मेले में शिरकत करने आते है। इस चर्च को बासिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ द माउंट भी कहा जाता है। इस मेले की सौ साल से भी अधिक पुरानी परंपरा है। इस मेले को ‘बांद्रा उत्सव’ के नाम से भी जाना जाता है। अब जबकि यह मेला दो साल बाद लग रहा है तो उम्मीद की जा रही है कि रोजाना करीब एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मेले में आ सकते हैं। इस मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु माउंट मैरी चर्च में दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले से पहले, मुंबई पुलिस ने शनिवार को एक यातायात सलाह जारी की और बांद्रा पश्चिम में माउंड मैरी चर्च के आसपास प्रतिबंध लगा दिया गया। मेले के अंतिम दिन तक सुबह 6 से 11 बजे के बीच ट्रैफिक प्रतिबंध लागू रहेंगे।

चर्च अथॉरिटी की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल एक लाख श्रद्धालुओं के दर्शन और मेले में आने की संभावना है। भक्तों की सुविधा और स्थानीय क्षेत्र में भीड़भाड़ से बचने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस की मदद से ट्रैफिक रूट तय किए गए हैं। मेले में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मुंबई पुलिस की ओर से सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं।
इस साल कोविड-19 महामारी की पाबंदियों के समाप्त होने से राज्य में सभी त्योहारों, धार्मिक समारोहों, मेलों आदि का आयोजन पहले की तरह किया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 2020 और 2021 में प्रसिद्ध माउंट मैरी मेला का आयोजन नहीं किया गया था। इस साल ‘माउंट मैरी मेला’ का पहली बार यूट्यूब और ट्विटर पर भी सीधा प्रसारण किया जाएगा।

दुकान के लिए 1 लाख 11 हजार की बोली
इस मेले में हर साल की तरह इस बार भी मुंबई मनपा द्वारा चर्च के काफी नजदीक स्थित 20 अस्थाई दुकानों की नीलामी की गयी। जिसमें से 20 में से 10 दुकानों के लिए प्रतिक्रिया मिली है और अस्थायी दुकान के लिए 1 लाख 11 हजार की बोली लगाई गई। इस मेले में मोमबत्तियों, फूलों के स्टॉल, खाने-पीने के स्टॉल, प्रसाद सहित चार सौ से अधिक स्टॉल लगाए जाते हैं। उनमें से कुछ स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं। चर्च के बहुत करीब स्थित दुकानों के लिए नीलामी आयोजित की जाती है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस गाइडलाइन के मुताबिक, इस बार भी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। मुंबई महानगर पालिका ने इच्छुक पक्षों से आवेदन मांगे थे। जिसके बाद माउंट मैरी रोड की 20 में से 10 दुकानों के लिए आवेदन मिले हैं।
बांद्रा के सहायक मनपा आयुक्त विनायक विस्पुते ने बताया कि इस साल पहली दुकान के लिए दस दिन के लिए 1 लाख 11 हजार की बोली लगाई गई है। शेष दस दुकानों की फिर से 10 सितंबर को नीलामी होगी और यदि उस समय कोई प्रतिक्रिया आती है तो जमा स्वीकार करने के बाद उन्हें अस्थायी स्थान दिया जाएगा। अन्यथा इसे खाली रखा जाएगा। इस साल चर्च के पास की दुकानों का न्यूनतम मूल्य 97,437 रुपये प्रति दुकान तय किया गया है। इन दुकानों में केवल धार्मिक वस्तुओं की ही बिक्री होती है। चर्च के रास्ते में अन्य वस्तुओं को दुकानों में बेचा जाता है। उसके लिए 2250 रुपये की लाइसेंस फीस और इतनी ही जमा राशि है।

बीएमसी द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं:-
100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सड़कों का रख-रखाव और मरम्मत।
पेयजल की व्यवस्था की गई है।
कचरे के उचित निस्तारण की अलग से व्यवस्था।
भक्तों की सुविधा के लिए मोबाइल शौचालय की व्यवस्था।
अनाधिकृत स्टालों, अनाधिकृत फेरीवालों पर प्रतिबंध।
24 घंटे कंट्रोल रूम चालू रहेगा।
प्राथमिक उपचार और चिकित्सा सुविधाओं पर ध्यान।
निगरानी कक्ष और अवलोकन टावर।

जानें- माउंट मैरी चर्च और मेले के बारे में…
माउंट मैरी चर्च महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित एक प्रसिद्ध चर्च हैं। इसे माउन्ट ऑफ अवर लेडी (Basilica of Our Lady of the Mount) के नाम से भी जाना जाता हैं। इसे दुनिया भर के सुन्दर चर्चों में से एक माना जाता है। यह चर्च 1640 में बनाया गया था और 1761 में इसका पुनर्निर्माण किया गया। पिछलें 300 से भी अधिक सालों से यह चर्च मुंबई की एक अनोखी पहचान है।
माउंट मेरी चर्च समुद्र सतह से 80 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है जहाँ से आप अरब सागर का अदभुत दृश्य देख सकते हैं। यदि आप भाग्यशाली हैं तो इस साल 11 से 18 सितंबर तक यहाँ चलने वाले मेले का आनंद उठा सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस मेले में हर धर्म के लोग शामिल होते हैं। यहां हर साल 8 सितंबर को मदर मेरी का जन्मदिन बहुत ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वर्जिन मेरी के जन्मोत्सव के तौर पर चर्च परिसर में एक हफ्ते तक चलने वाले माउंट मैरी मेले का आयोजन किया जाता है। हालांकि, यह ईसाई समुदाय का उत्सव है, लेकिन इस मेले में सभी धर्मों के लोग बड़ी तादात में आते हैं। चर्च में आकर वो मदर मेरी से प्रार्थना करते हैं और मोमबत्तियां अर्पित करते हैं। इस मेले में भारत की विविधता में एकता की अनोखी मिसाल देखने को मिलती है।
मेले के दौरान बहुत सारे स्टॉल लगाए जाते हैं जो खाने-पीने की चीजों, मिठाइयों, खिलौनो, कपड़ों, मोमबत्ती के घरों, मोमबत्ती के डॉल या फिर बच्चों से सजे होते हैं।
यहां मेले के दौरान स्टॉल लगाने के लिए व्यापारी एक महीने पहले से ही चर्च को आवेदन देते हैं। इस मेले की सुरक्षा व्यवस्था में भागीदार बनने के लिए स्वयंसेवक खुद अपनी इच्छा से आते हैं। हालांकि, इसके लिए 15 अगस्त को चर्च ट्रस्ट की ओर से स्वयंसेवक फॉर्म वितरण किया जाता है।
मुंबई के पॉश इलाके में बसे होने के अलावा यह चर्च विभिन्न दर्शनीय स्थलों जैसे बांद्रा बैंडस्टैंड और कार्टर रोड़ के निकट स्थित है। यह चर्च बहुत बड़ा है और इसकी वास्तुकला अभी भी बिना किसी गलती के संरक्षित और व्यवस्थित है। माउंट मैरी चर्च वर्जिन मेरी को समर्पित है। इसे 1640 में बनाया गया था और फिर इसे गिरा दिया गया और 1761 में इसे दोबारा बनाया गया।