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मुंबई: यौन उत्पीडन के आरोप से राऊत हुए बरी, निजी सचिव ने लगाया था आरोप

मुंबई: मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने अपनी निजी सचिव के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी फ्यूचर ग्रुप के पूर्व एचआर विभाग प्रमुख पार्थसारथी राऊत को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। राऊत पर उनकी निजी सचिव ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत आरोप लगाए थे। अभियोजन पक्ष के मुताबिक पीड़िता की साल 2012 में राऊत के सचिव के रुप में नियुक्ति हुई थी।
पीड़िता के मुताबिक आरोपी उसे काम सौपने के बहाने अनुचित तरीके से छुता था। पीड़ित ने पुलिस के सामने की गई शिकायत में दावा किया था कि मैंने आरोपी की अनुचित मांगों पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद मेरा तबादला कोलकाता में कर दिया गया था। जब मैंने तबादला न करने का आग्रह किया तो मुझे त्यागपत्र देने के लिए कहा गया और बाद में मुझे कार्यालय से निकाल दिया गया। इसके बाद मैंने कंपनी के संस्थापक किशोर बियानी को भी आरोपी के अशिष्ट बरताव को लेकर पत्र लिखा था लेकिन आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद मैजिस्ट्रेट ने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए आरोपों को लेकर कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है। शिकायतकर्ता की बातें व एफआईआर में लिखी गई बातों में विरोधाभाष है। उसके आरोप अस्पष्ट हैं। यह कहते हुए मैजिस्ट्रेट ने आरोपी को बरी कर दिया।