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मुंबई: रेलवे का डीजल चोरी करता था कॉन्ट्रैक्टर, JCB ऑपरेटर के साथ RPF ने किया गिरफ्तार

मुंबई: पश्चिम रेलवे के दादर रेल पथ के एक अधिकारी के साथ मिलकर डीजल चोरी करने वाले ठेकेदार और एक जेसीबी ड्राइवर को अंधेरी रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से बरामद मोबाइल की जांच में दादर रेल पथ के अधिकारी द्वारा मुनाफे के लिए रेलवे का डीजल आधे दाम पर बेचने का खेल किए जाने का खुलासा हुआ है।
इसके साथ ही आरोपी ने अपने बयान में भी इसका खुलासा किया है। रेल अधिकारी के इसमें शामिल होने से डीजल चोरी का मामला अब गंभीर हो गया है। जिसे लेकर आरपीएफ ने अपनी जांच तेज कर दी है। हालांकि, रेलवे की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आरपीएफ ने जेसीबी मालिक और रेलवे ठेकेदार का मोबाइल जप्त करके जांच शुरू की, जिसमें जेसीबी मालिक और ठेकेदार के कई व्हाट्सऐप चैट मिले। उस चैट से खुलासा हुआ कि ठेकेदार द्वारा बाजार भाव से कम कीमत पर डीजल बेचा गया है। इसके साथ ही ठेकेदार के मोबाइल में एक रेलवे अधिकारी के साथ किए गए चैट में डीजल की लेन-देन की बात की गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान मोहम्मद इस्माईल शेख (जेसीबी ऑपरेटर) और संतोष पांडेय (ठेकेदार) के नाम से की गई है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के पास से डीजल से भरे चार ड्रम बरामद किये हैं।
अंधेरी आरपीएफ के वरिष्ठ निरीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी संतोष पांडेय से पूछताछ के दौरान पता चला कि वो बीते 5 सालों से रेलवे के लिए ठेकेदार के रूप में काम कर रहा है। पांडेय को पश्चिम रेलवे की तरफ से बारिश के दौरान बोरीवली से लेकर चर्चगेट तक के अंतर्गत आने वाले कुल 72 पंपिग मशीनों में डीजल भरने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, डीजल की आपूर्ति रेलवे की तरफ की जानी थी। रेलवे की तरफ से पांडेय को कुल 3000 लीटर डीजल उपलब्ध करवाया गया था।

क्यों बेचा गया डीजल?
बारिश खत्म होने के बाद जब संतोष पांडेय से खर्च किए गए डीजल के संबंध में संबंध में हिसाब मांगा गया तब संतोष ने पुलिस को बताया कि उपलब्ध करवाए गए कुल 3000 डीजल में से 2200 डीजल का इस्तेमाल पंपिंग मशीन के लिए किया गया। बाकी बचे हुए 800 लीटर डीजल को रेलवे के ही एक अन्य अधिकारी उमेश गुप्ता के सहमति से जेसीबी ऑपरेटर मोहम्मद इस्माइल शेख को बेच दिया गया। जिसकी कुल कीमत करीबन 75000 रुपए बताई जा रही है।

आरोपों की चल रही है जांच
संतोष पांडे द्वारा रेलवे के अधिकारी उमेश गुप्ता पर लगाए गए आरोपों के जवाब में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि उमेश गुप्ता पर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच में अभी तक गुप्ता के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही हैं। फिलहाल, दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में है। खासतौर पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की बात की जाए तो मुंबई में लाखों उपगनरीय यात्रियों की व्यवस्था देखने के साथ-साथ मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली आरपीएफ का काम देश के अन्य रेलवे डिविजन के मुकाबले कुछ ज्यादा है। आरपीएफ के जवान 24 घंटे सतर्कता से न केवल रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा करते हैं, बल्कि ड्यूटी पर तैनात अन्य रेल कर्मचारियों की मदद से रेलवे यात्रियों की जान भी बचाने में सदैव अग्रणी रहते है।