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मुंबई: शिवाजी पार्क का नाम बदला, अब हुआ ‘छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान!

मुंबई: दादर के शिवाजी पार्क मैदान का नाम बदल दिया गया है। अब इस मैदान को ‘छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान’ के नाम से पुकारा जाएगा। मुंबई महानगरपालिका की तरफ से इस मैदान पर नए नाम की तख्ती में लगा दी गई है। इस मैदान के नाम को बदलने का प्रस्ताव मार्च महीने में बीएमसी के सभागृह में लाया गया था।

दादर की पहचान था शिवाजी पार्क
गौरतलब है कि मुंबई के दादर इलाके में स्थित शिवाजी पार्क दादर इलाके की पहचान हुआ करता था। बीएमसी में इसके नाम को बदलने के प्रस्ताव को पारित होने के बाद अब यह नए नाम से पुकारा जायेगा। तकरीबन 73 साल बाद इस मैदान का नाम बदला गया है।

ऐतिहासिक है शिवाजी पार्क
शिवाजी पार्क का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। इस मैदान में कई राजनीतिक सभाओं को किया जाता रहा है। जिनमें शिवसेना की ‘दशहरा रैली’ प्रमुख है। इसके अलावा यह मैदान क्रिकेट के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मैदान से कई क्रिकेटर पैदा हुए हैं। जो भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं। जिनमें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का भी नाम शामिल है।

पहले माहिम पार्क के नाम से जाना जाता था
शिवाजी पार्क को पहले माहिम पार्क के नाम से जाना जाता था। इस उद्यान का नाम 10 मई 1927 को बदलकर शिवाजी पार्क रखा गया था। जिसके बाद साल 1966 में इस मैदान में शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित किया गया था।

शिवाजी पार्क: बालासाहेब की पहली रैली और अंतिम संस्कार भी यहीं
इसी मैदान में (28 नवंबर) को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। दादर स्थित शिवाजी पार्क बीते पांच दशक के दौरान शिवसेना की राजनीति की धुरी रहा है। यह मैदान 1966 में भगवा दल की पहली रैली से लेकर पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार और 1995 में पार्टी के पहले मुख्यमंत्री बने मनोहर जोशी के शपथ ग्रहण तक का गवाह रहा है। शिवसेना सुप्रीमों बालासाहेब ठाकरे इसी मैदान से चुनावी अभियान की शुरुआत करते थे। यह मैदान शहर के सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा रहा है। इस मैदान ने ठाकरे परिवार की चार पीढ़ियों के जरिए शिवसेना का उदय देखा है। इन चार पीढ़ियों में केशव जिन्हें प्रबोधनकार (सामाजिक सुधारक) नाम से जाना जाता है, उनके बेटे बाल ठाकरे, उद्धव और राज और आदित्य शामिल हैं।
बाल ठाकरे के निधन के बाद इसी मैदान में लाखों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की पहली रैली भी शिवाजी पार्क में की थी।

स्मारक बनाने के लिए झोंक दी थी ताकत
बालासाहेब ठाकरे का निधन 17 नवंबर 2012 को हुआ था, इसी पार्क में उन्हें मुखाग्नि दी गई थी। बाल ठाकरे का स्मारक शिवाजी पार्क में बनाने के लिए शिवसेना ने पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।

28 एकड़ में फैला है यह मैदान
-दादर-वडाला-माटुंगा-सायन माहिम शहर योजना के तहत परिकल्पित 28 एकड़ में फैला मैदान 1925-26 में दादर में अस्तित्व में आया।
-शिवाजी पार्क इलाके में रह रहे अशोक रावत ने बताया कि 1927 में छत्रपति शिवाजी की जयंती पर इसका नाम शिवाजी पार्क रखा गया।
-इस मैदान में खेल से संबंधित कई कार्यक्रम होते हैं, जिनमें क्रिकेट और फुटबॉल, मलखंब और खोखो जैसे खेल शामिल हैं। इसी मैदान में क्रिकेट खेलकर दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली बड़े हुए हैं।