ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई: 15 जून को विद्यालय में हाजिर होने को लेकर शिक्षकों में असमंजस 13th June 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this विद्यालय का फरमान-15जून से शिक्षक हाजिर हों… मुंबई: कोरोनावायरस के चलते महाराष्ट्र खासकर सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में जाने जानेवाली मुंबई की हालात बेहद गंभीर बनी हुई. कोरोना के खतरे को देखते हुए देशभर के सभी स्कूल मार्च के महीने में ही बंद कर दिए गए थे. स्कूलों के लंबे समय से बंद होने की वजह से छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. इसके मद्देनजर देश में स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार 15 अगस्त के बाद देशभर के सभी स्कूलों को दोबारा से खोलने पर विचार कर रही है. हालांकि, कोरोनावायरस से पनपे हालातों को ध्यान में रखकर ही स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में फैसला करेगा.महाराष्ट्र में भी कोरोना वायरस के कारण सभी शैक्षणिक संस्थाने बंद हैं. ऐसे में कई स्कूल और कॉलेज बिना सरकारी फरमान आए अध्यापकों को 15 जून से स्कूल में आने का निर्देश दिया है. जिससे अध्यापकों में भय का माहौल बना हुआ है.एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के मंत्रियों में तालमेल ही नहीं है, सुबह लिए सरकारी फैसले शाम को वापस ले लिए जाते हैं (यानी बदल दिए जाते है) जिससे शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण क्षेत्र भी उपेक्षित है. यहां सरकार और शिक्षाधिकारियों के बीच तालमेल की कमी नजर आ रही है. स्कूल खुलने को लेकर पिछले कई दिनों से प्रतिदिन मिडिया में अलग-अलग ख़बरें आ रही है. जिसको जो मर्जी में आ रहा है बिना कुछ सोचे-समझे बयानबाजी कर रहा है, जिससे असमंजस की स्थिति पैदा हुई है. उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगना चाहिए और ठोस अपरिवर्तनशील निर्णय लिया जाना चाहिए.वहीं एक और विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि पिछले कई महीनों से शिक्षक केवल व्हाट्सएप पर घूमती हुई शैक्षणिक खबरों को ही सही मानते रहे और इस संबंध में एक दूसरे से सवाल पूछते रहे कि क्या यह खबर सही है? अभी तक सरकार की तरफ से स्कूल खोलने को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं जारी किया गया है. शिक्षक यह चाहते हैं कि सरकार की तरफ से कोई ठोस और अपरिवर्तनीय आदेश मिले कि उन्हें करना क्या है? यदि 15 जून से स्कूल खोलने का निर्णय लिया जा रहा है तो लोकल ट्रेनों को भी चलाने की अनुमति दें अन्यथा दूर-दराज रहने वाले शिक्षक स्कूलों तक कैसे पहुँच पाएंगे? ”MUMBAI TEACHERS CONSTITUENCY” के अध्यक्ष और विधायक कपिल पाटिल ने महाराष्ट्र के शिक्षण आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है शिक्षकों को सरकारी आदेश आने तक स्कूल-कॉलेज में न बुलाया जाए. हम अभिभावकों की भी सुनों सरकार…‘नेटवर्क महानगर’ वेब मिडिया ने जब कई अभिभावकों से उनकी राय जानना चाहा तो उनका कहना है कि जून और जुलाई में स्कूलों को खोलना सरकार का सबसे खराब निर्णय होगा. वर्तमान शैक्षणिक सत्र ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से जारी रहना चाहिए.फिलहाल कोरोना महामारी के बीच स्कूल खुलने की ख़बरों ने शिक्षकों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. कई लोगों ने कहा कि यदि स्कूल खुलता भी है तो हम अपने बच्चों को नहीं भेजेंगे. उनका मानना है कि सरकार का यह कदम बच्चों के लिए काफी असुरक्षित है. Post Views: 232