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मोहित कंबोज को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

मुंबई: मुंबई सत्र अदालत ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के एक कथित मामले में भाजपा नेता मोहित कंबोज (भारतीय) की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कंबोज को जांच के लिए पुलिस के सामने पेश होने और कोर्ट की अनुमति के बिना शहर नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है।
मोहित कंबोज के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक के मैनेजर की शिकायत के बाद केद दर्ज किया गया है। उन पर 2011 से 2015 के बीच 52 करोड़ के लोन की हेराफेरी का आरोप है। मैनेजर ने आरोप लगाया है कि एक कंपनी के तीन निदेशक, जिसमें मोहित कंबोज भी शामिल हैं, ने बैंक से 52 करोड़ रुपये का लोन लिया था, लेकिन इन रुपयों का उपयोग किसी और काम के लिए किया गया था।

मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज किया केस
बैंक मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने मोहित कंबोज सहित तीनों निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 409 और 420 के तहत केस दर्ज किया गया है।

उद्धव ठाकरे पर मोहित कंबोज ने लगाया था गंभीर आरोप
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में भाजपा नेता मोहित कंबोज ने आरोप लगाया था कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा उन्हें मारने का प्रयास किया गया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। घटना के बाद मुंबई पुलिस को दोनों पक्षों की ओर से शिकायत मिली थी। भाजपा नेता मोहित कंबोज भारतीय ने आरोप लगाया था कि मुंबई में एक शादी समारोह से घर लौटते समय उन पर हमला किया गया। जिससे उनकी लैंड रोवर एसयूवी के दरवाजे का कांच और पिछले दरवाजे का हैंडल भी टूटा गया।

शिवसेना ने सीएम आवास की रेकी करने का लगाया था आरोप
मोहित कंबोज ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कलानगर जंक्शन पर शिवसेना कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उनकी कार पर हमला किया। यह वह स्थान है जहां उद्धव ठाकरे का निजी आवास “मातोश्री” स्थित है। वहीं, शिवसेना ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मोहित कंबोज मुख्यमंत्री आवास की रेकी कर रहे थे और उनकी कार में हथियार थे।