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रत्नाकर गुट्टे के 9 ठिकानों पर ED के छापे, 600 किसानों के नाम पर 328 करोड़ रुपये के फर्जी लोन का आरोप

मुंबई, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जीवन पर बनी फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के निर्देशक विजय गुट्टे के पिता और महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और कारोबारी रत्नाकर गुट्टे के नौ ठिकानों पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की।
ईडी सूत्रों के अनुसार, मुंबई के बांद्रा में मौजूद एक नामचीन शिक्षण संस्थान और गुट्टे के कार्यालय समेत उनके परभणी, नागपुर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई है। यह कार्रवाई 6 बैंकों के साथ किए गए 328 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में की गई है। ईडी का मानना है कि गुट्टे ने बैंकों से जो कर्ज लिए, उन्हें बाद में महाराष्ट्र के परभणी जिले के गंगाखेड शुगर ऐंड एनर्जी लिमिटेड में खपा दिया। इसके अलावा जिन किसानों के नाम पर कर्ज लिया गया था, उनमें से अधिकांश किसान भी उसी शुगर मिल में काम करते थे।
ईडी ने बयान जारी कर बताया है कि GSEPL ने अपने लिए आंध्र बैंक, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, रत्नाकर बैंक से 8-10 किसानों के नाम पर कृषि लोन लिया। कर्ज में मिली रकम को फर्जी खातों या मृत किसानों के खातों में ट्रांसफर कराया गया और उसी दिन GSEPL के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया है।


BJP के सहयोगी दल से जुड़ा है परिवार
फर्जी लोन्स का मामला विधानसभा में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने उठाया था। धनंजन के आरोपों का जवाब देते हुए रत्नाकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी थी कि किसानों का लोन 328 करोड़ का है और मामले की जांच कोर्ट द्वारा गठित एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कर रही है। गुट्टे का परिवार दिवंगत बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे से संबंधित है। गुट्टे महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी राष्ट्रीय समाज पार्टी के सदस्य हैं। उनके बेटे विजय गुट्टे को जीएसटी फ्रॉड के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।