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राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र ने भी ‘कोरोनिल’ पर लगाया बैन

गृहमंत्री देशमुख ने कहा- नकली दवाएं नहीं बिकने देंगे

मुंबई/हरिद्वार: योग गुरु बाबा रामदेव की दवा ‘कोरोनिल’ पर छिड़े विवाद के बीच राजस्थान सरकार के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी उसकी बिक्री पर रोक लगा दी है।
महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने रामदेव को चेतावनी देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में नकली दवाएं नहीं बिकने देंगे। उन्होंने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है।

गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट किया- ‘नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के ‘कोरोनिल’ का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी।’

आयुष मंत्रालय ने लगाई थी विज्ञापन पर रोक
बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद की ‘दिव्‍य कोरोना किट’ के विज्ञापन पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी है। साथ ही पंतजलि को नोटिस भी जारी किया था हालांकि पतंजलि का दावा है कि उसने आयुष मंत्रालय को मांगी गई सारी जानकारी भेज दी है। बाबा रामदेव का दावा है कि कोरोना के खिलाफ पतंजलि की दवा बिल्कुल सही है।

दवा पर बैन लगाने वाला राजस्थान पहला राज्य
आयुष मंत्रालय की आपत्ति के बाद राजस्थान रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगाने वाला पहला राज्य था। राजस्थान सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोरोना महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की बिक्री नहीं की जा सकती है।

उत्तराखंड ने कहा- इम्युनिटी बूस्टर के लिए दिया था लाइंसेस
उत्तराखंड सरकार ने भी कहा था कि उन्होंने दवा को इम्युनिटी बूस्टर के लिए लाइंसेस दिया था। राज्य सरकार के आयुर्वेद विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने बाबा रामदेव को ‘इम्युनिटी बूस्टर’ के लिए लाइसेंस दिया था और इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध करा दी गई हैं।
उत्तराखंड आयुर्वेद और यूनानी सेवाएं के निदेशक आनंद स्वरूप ने यहां बताया कि उनके विभाग ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को ‘इम्यूनिटी बूस्टर’, बुखार और खांसी के लिए दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया था।