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राज ठाकरे की धमकी का असर; मुंबई में अब बिना लाउडस्पीकर होगी सुबह की आज़ान! 26 मस्जिदों के धर्मगुरुओं ने लिया यह फैसला

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में लाउडस्पीकर को लेकर बवाल मचा है। एक तरफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर आक्रामक रणनीति बना चुके हैं वहीं राज्य सरकार इस मामले में बैकफुट पर है।
लाउडस्पीकर पर जारी विवाद के बीच मुंबई के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बड़ा फैसला लिया है। मुंबई में अब सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के होगी। बुधवार देर रात साउथ मुंबई की करीब 26 मस्जिदों के धर्मगुरुओं ने बैठक की। बैठक में फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा और सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के होगी। साउथ मुंबई की ‘सुन्नी बड़ी मस्जिद’ में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने यह बैठक की। बैठक में भायखला के मदनपुरा, नागपाड़ा और अग्रीपाडा इलाके के मुस्लिम धर्मगुरु भी शामिल हुए। धर्मगुरुओं ने बैठक में निर्णय लिया कि कोर्ट के फैसले के मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इन इलाकों में लाउडस्पीकर पर कोई अज़ान नहीं होगी। इस बैठक का असर गुरुवार सुबह देखने को मिला जब मुंबई की मशहूर ‘मिनारा मस्जिद’ में सुबह की अज़ान बिना लाउडस्पीकर के हुई।

राज ठाकरे ने दी थी चेतावनी
बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 4 मई से मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान हुई तो वहां दोगुनी आवाज़ में ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ किया जाएगा।
इससे पहले राज ठाकरे ने औरंगाबाद में एक रैली के दौरान भी लाउडस्पीकर को लेकर चेतावनी दी थी। इस मामले में उनके खिलाफ औरंगाबाद में एक FIR भी दर्ज की गई थी, जिसमें उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है। यहां 1 मई ‘महाराष्ट्र दिन’ को उन्होंने भाषण दिया था। वहीं महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ ने भी कहा था कि कथित विवादित भाषण को लेकर औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

इससे पहले, डीजीपी ने मंगलवार को राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल से मुलाकात की और दोनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। डीजीपी ने कहा, महाराष्ट्र पुलिस कानून-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। राज्य में राज्य रिजर्व पुलिस बल और होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।

जानें-क्या है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन?
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग न किया जाए। हालांकि, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद स्थानों पर इसे बजा सकते है लेकिन इनकी आवाज बाहर नहीं आनी चाहिए। हालांकि, राज्य सरकार चाहे तो कुछ मौकों पर रियायतें दे सकती है।
राज्य सरकार किसी संगठन या धार्मिक कार्यक्रम के लिए लाउडस्पीकर या दूसरे यंत्रों को बजाने की अनुमति रात 10 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक कर सकती है। हालांकि, एक साल में सिर्फ 15 दिन ही ऐसी अनुमति दी जा सकती है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर कैद और जुर्माने दोनों सजा का प्रावधान है। इसके लिए एन्वार्यमेंट (प्रोटेक्शन) एक्ट,1986 में प्रावधान है। नियमों का उल्लंघन करने पर 5 साल कैद और एक लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।

जहां पर लाउडस्पीकर से आज़ान, वहीँ पढ़ेंगे ‘हनुमान चालीसा’
वहीं, लाउडस्पीकर को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए राज ठाकरे ने साफ तौर पर कहा कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाया जाए। उन्होंने ये भी कहा था कि जब तक लाउडस्पीकर नहीं हटाया जाता तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। राज ठाकरे ने ये भी कहा कि जहां पर लाउडस्पीकर से आज़ान होगी वहीं पर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ेंगे।