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लखनऊ में अलकायदा के दो आतंकी गिरफ्तार; पांच फरार, 4 सूटकेस विस्फोटक बरामद, कमांडो ऑपरेशन जारी

लखनऊ: लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र के दुबग्गा इलाके में यूपी एटीएस करीब 7 घंटे से सर्च ऑपरेश

न चला रही है। इसमें एटीएस कमांडो भी शामिल हैं। यहां एटीएस को एक गैराज में अलकायदा के आतंकियों के छिपे होने का इनपुट मिला था। इसके बाद की कार्रवाई में दो आतंकियों को पकड़ा गया है। इनमें मलिहाबाद निवासी शाहिद और उसका साथी वसीम है। 5 फरार बताए जा रहे हैं। तीन घरों में कमांडो तलाशी कर रहे हैं। बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद होने की भी सूचना है। इनमें कुकर और टाइमर बम भी शामिल है।
एटीएस ने आसपास के 500 मीटर दायरे में बने घरों को खाली करा लिया है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस भी मौके पर मौजूद है।
एटीएस अफसरों के मुताबिक, भारी मात्रा में बम बनाने के सामान भी मिले हैं। बम निरोधक दस्ता भी मौके पर बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि आतंकी कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट के फिराक में थे। कुछ बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे। हालांकि, एटीएस ने अभी तक कुछ नहीं बताया है। शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घटना खुलासा हो सकता है।

पांच आतंकियों के भागने की भी सूचना
पकड़े गए दो आतंकियों के 5 साथियों के ऑपरेशन से पहले भागने की सूचना है। इसके साथ ही लखनऊ से सटे अन्य जिलों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी बॉर्डर पर चेकिंग बढ़ा दी गई है। एटीएस की टीम इस ऑपरेशन के लिए बीते एक सप्ताह से काम कर रही थी।
एटीएस के आईजी डॉ जीके गोस्वामी ने बताया कि एटीएस के इस ऑपरेशन में बम और असलहे भी मिले हैं। आतंकियों से पूछताछ हो रही है और हमारी टीम पास के कुछ घरों में भी पड़ताल कर रही है। उन्होंने कहा कि आशंका है कि पास के घरों में इनके साथियों ने भी ठिकाना बनाया है। पहले स्लीपर सेल में थे, बीते कई दिनों से कश्मीर में एक्टिव होने के बाद लखनऊ पहुंचे थे। इन सभी ने उत्तर प्रदेश में सीरियल ब्लास्ट की योजना बना ली थी। सीरियल ब्लास्ट का प्लान पाकिस्तान के हैंडलर ने बनाया था जबकि इसको अंजाम देेने के तरीके पर अफगानिस्तान में शोध किया गया।

दोनों आतंकियों को लेकर एटीएस की एक टीम रवाना हो गई है। इसके बाद दूसरी टीम घरों की तलाशी ले रही है। बताया जा रहा है कि शाहिद 15 वर्ष से यहां रह रहा है और मोटर गैराज का काम करता है। वहीं वसीम का बैट्री का काम है। दोनों से अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। दोनों आतंकियों के अलग-अलग ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। इन आतंकियों के बहराइच कनेक्शन की बात भी सामने आई है। आतंकियों के पकड़े जाने की सूचना मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग वहां एकत्र हो गए, जिन्हेंं पीएसी के जवानों ने खदेड़ दिया। इस पूरे प्रकरण में लखनऊ पुलिस और स्थानीय अभिसूचना इकाई की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। एटीएस के अधिकारी दोनों आतंकियों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं।

इन आतंकियों के निशाने पर कौन लोग थे? इसके बारे में पता लगाया जा रहा है। इस घटना के बाद प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है और संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी है। बताया जा रहा है कि आतंकी यूपी के कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट की योजना बना रहे थे। इस दौरान भाजपा के कुछ बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे। भाजपा के सांसद को तो तीन दिन में ही उड़ाने की योजना थी। इस काम में दोनों प्रेशर कुकर बम का प्रयोग होना था।
एटीएस ने रविवार को जिन दो आतंकियों को पकड़ा है, उनका संबंध अलकायदा से है। उनके नाम शाहिद और वसीम हैं। दुब्बगा में रियाज और सिराज के घरों में तलाशी चल रही है। सभी से पूछताछ भी हो रही है। शाहिद के मकान को सीज किया गया है। कमांडो घर के अंदर हैं। तीनों के घर सटे हुए हैं। शाहिद के परिवार वालों से पूछताछ जारी है।
पहले आतंकी का नाम शाहिद उर्फ गुड्डू बताया जा रहा है, जो उन्नाव का रहने वाला है। उसी के घर में दूसरा आतंकी भी छिपा हुआ था। यह दोनों ट्रेनिंग प्राप्त आतंकी हैं। इनके घर में काफी गोला-बारूद भी मिला है। शाहिद के मकान को सीज किया गया है। इसके बाद एक टीम उन्नाव भी रवाना हो गई है। मकान में संदिग्ध लोगों के छुपे होने की आशंका पर उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम ने छापा मारा।
मिली जानकारी के मुताबिक, मकान मलिहाबाद के शाहिद का है। जो कि बीते 15 वर्ष से यहां पर रह रहा है। फिलहाल वसीम मकान में अंदर है। पड़ताल के दौरान इस मकान से एटीएस को दो प्रेशर कुकर बम तथा एक अर्धनिर्मित टाइम बम मिला है। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में बारूद और सात-आठ किलो बम बनाने की सामग्री भी मिली है। सूटकेस में पकड़े गए बम भरे जा रहे हैं। अकेले शाहिद के मकान से 4 काले सूटकेस में गोला-बारूद भरे गए हैं।

2017 में सुरक्षाबलों ने आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था
लखनऊ में इससे पहले भी मार्च 2017 में सुरक्षाबलों ने आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था, जो आइएसआइएस के खुरासान मॉड्यूल का सदस्य था। वह कानपुर का रहने वाला था। वारदात के बाद कानुपर और उन्नाव में भी कई आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद सितंबर 2018 में चकेरी के जाजमऊ अहिरवां स्थित शिवनगर कॉलोनी पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां उर्फ कमरुद्दीन उर्फ डॉ. हुरैरा को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही चंद रोज पहले ही काकोरी में मतांतरण के मामले में उमर गौतम के ठिकानों पर छापा मारा गया था। NIA और ATS को पूछताछ में इसने एक और आतंकी ओसामा बिन जावेद का नाम लिया था, जो हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर था। सितंबर 2019 में जिसे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

तभी एटीएस ने दावा किया था कि मारे गए सैफुल्लाह ने लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में विस्फोट करने की योजना बनाई थी। इस घटना के बाद पूरे काकोरी क्षेत्र में किरायेदारों के सत्यापन का अभियान भी चलाया गया था लेकिन वक्त बीतने के साथ-साथ यह अभियान भी बंद हो गया। अब इसी हाजीपुर कॉलोनी से मात्र 2 किलोमीटर दूर सीते विहार कॉलोनी में फिर से आतंकवादी के छिपे होने की घटना ने आसपास के लोगों को दहशत में डाल दिया है।