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लाउडस्पीकर विवाद के बाद मनसे नेता वसंत मोरे की हुई हकालपट्टी, साईनाथ बाबर बने पुणे शहर अध्यक्ष

पुणे: वसंत मोरे को पुणे शहर नगर अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अब राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल शुरू हो गई है। चर्चा है कि वसंत मोरे को सीधे शिवसेना की तरफ से ऑफर मिला था।
दरअसल, दादर के शिवाजी पार्क में गुड़ीपड़वा मेले को संबोधित करते हुए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी। और कहा था कि यदि राज्य सरकार इसे संज्ञान में नहीं लेती है तो हम मस्जिदों के बाहर तेज आवाज़ में ‘हनुमान चालीसा’ बजवायेंगे। जिसे लेकर मनसे नेता वसंत मोरे ने नाराजगी जताई थी। उनकी इस भूमिका का कड़ा विरोध करते हुए राज ठाकरे ने वसंत मोरे को पुणे शहर के अध्यक्ष पद से हटा दिया। अब उनकी जगह साईनाथ बाबर को पुणे शहर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पिछले दो-तीन दिनों से वसंत मोरे द्वारा राज ठाकरे के खिलाफ उठाए गए स्टैंड को लेकर काफी चर्चा हो रही है। उसके बाद लोग यह देख रहे हैं कि वसंत मोरे अपनी पार्टी बदलेंगे या मनसे में बने रहेंगे? प्रशांत जगताप ने कहा मोरे का एनसीपी में स्वागत है। एनसीपी की ओर से खुला प्रस्ताव मिलने के बाद अब यह बात सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद वसंत मोरे को फोन कर कहा है कि उन्हें शिवसेना में शामिल होने पर विचार करना चाहिए। इसके चलते पुणे की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। फिलहाल, वसंत मोरे ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है कि क्या वह भविष्य में शिवसेना में शामिल होंगे?

‘मनसे’ छोड़ने का कोई इरादा नहीं…मेरे दिल में राजसाहेब
मुझे निष्कासित नहीं किया गया है। मेरे खिलाफ कार्रवाई करने से पहले मैंने राज ठाकरे से कहा था कि मैं मई के बाद नगर अध्यक्ष नहीं बनना चाहता। अंत में पार्टी ने फैसला किया है। मैं एक कार्यकर्ता हूं जो राजकुमारों के आदेशों का पालन करता है। राजसाहेब द्वारा लिया गया निर्णय स्वीकार्य है। मैं उनके साथ पिछले 27 साल से काम कर रहा हूं। साहब मेरे दिल में रहेंगे। फिलहाल, मेरा ‘मनसे’ छोड़ने का कोई इरादा नहीं है, वसंत मोरे ने कल स्पष्ट किया। हालांकि, शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सीधे तौर पर प्रस्ताव मिलने के बाद वसंत मोरे क्या फैसला लेंगे इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है।