उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य

लॉकाडाउन: श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन में लौटे 4 प्रवासी मजदूरों की मौत से रेलवे प्रशासन में मचा हड़कंप!

मुंबई/वाराणसी: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस विकराल रूप ले चुका है। लॉकाडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को सरकार स्पेशल ट्रेन के जरिये वापस लाने में तो जुटी हुई है, लेकिन इन रेलगाड़ियों में प्रवासी श्रमिकों की मौत का सिलसिला जारी है। बुधवार को मुंबई से मंडुवाडीह पहुंची श्रमिक स्‍पेशल में दो युवकों की मौत हो गई। वहीं इससे पहले मंगलवार की देर रात गुजरात और महाराष्‍ट्र से बिहार जा रही दो ट्रेनों में दो लोगों की मौत हो गई थी। वाराणसी कंट्रोल रूप की सूचना पर दोनों को बलिया स्टेशन पर उतारा गया था।
मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल से वाराणसी पहुंची 01770 श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में 2 श्रमिकों के शव बरामद हुए हैं। श्रमिक स्‍पेशल की एक बोगी में दो युवकों का शव मिलने से हड़कंप मच गया। कोरोना से मौत की चर्चा के कारण काफी देर तक अफरातफरी की स्थिति रही। मृत दिव्‍यांग दशरथ प्रजापति (30) जौनपुर के बदलापुर का रहने वाला था। वह अपने भाई लालमणि प्रजा‍पति के साथ मुंबई पैसे कमाने के लिए गया था। भाई के साथ घर वापसी के दौरान भीषण गर्मी व भूख-प्‍यास के चलते प्रयागराज में उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। ट्रेन के मंडुआडीह स्‍टेशन पहुंचने पर भाई ने दशरथ को जगाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठा।

मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल से वाराणसी पहुंची 01770 श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में 2 श्रमिकों के शव बरामद हुए हैं. जानकारी होते ही रेलवे प्रशासन में हड़़कंप मच गया. एक व्यक्ति 30 वर्षीय दिव्यांग है, जो जौनपुर का दशरथ प्रजापति बताया जा रहा है. वहीं दूसरा 50 वर्षीय व्यक्ति है और उसकी पहचान नहीं हो पाई है. मौत की खबर सुनते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया.

प्रयागराज स्टेशन पर हुई मौत
रेलवे की तरफ से दोनों शवों को बाहर निकालकर उनकी सेंपलिंग करवाई गई है. इसके साथ ही अज्ञात मृतक के परिजनों की तलाश की जा रही है. बताया जा रहा है कि दशरथ बीमार था और उसे रुककर इलाज कराने के लिए कहा गया था लेकिन वो नहीं माना. प्रयागराज स्टेशन पर उसकी मौत हो गई. सुबह 8 बजे जब ट्रेन वाराणसी पहुंची तो पता चला. बता दें कि 2 दिन पहले कैंट थाने पर मुंबई से आई एक ट्रेन में भी जौनपुर निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

दूसरे व्यक्ति की नहीं हो सकी पहचान
जिस बोगी में दशरथ का शव मिला उसी में एक और युवक का शव दूसरी बर्थ पर मिला। दूसरा 50 वर्षीय व्यक्ति है और उसकी पहचान नहीं हो पाई है। उसके शरीर पर क्रीम कलर का हाफ पैंट और चेकदार शर्ट है। मौत की खबर सुनते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रवासी श्रमिकों की मौत की सूचना मिलने पर रेलवे के अधिकारियों के साथ जीआरपी व स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बीएचयू से आए अस्‍पतालकर्मियों ने पीपीई किट पहनकर दोनों शवों को बोगी से निकाल कर पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्‍टमॉर्टम से पहले इनकी कोरोना की जांच होगी।

बता दें कि इससे पहले मंगलवार की देर रात दरभंगा (बिहार) जा रही श्रमिक स्‍पेशल से यात्रा कर रहे नेपाल के शोभरन कुमार (28) की हालत बिगड़ने पर यात्रियों ने इसकी सूचना पूर्वोत्तर रेलवे के वारणसी कंट्रोल रूम को दी। ट्रेन के बलिया पहुंचने पर डॉक्‍टरों ने मरीज की हालत नाजुक देख उसे ट्रेन से उतारकर उसके दो साथियों के साथ एम्‍बुलेंस से जिला अस्‍पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान रात करीब दो बजे उसकी मौत हो गई। उधर, सूरत (गुजरात) से हाजीपुर (बिहार) जा रही श्रमिक स्‍पेशल में भी छपरा के रहने वाले 58 वर्षीय भूषण सिंह की मौत हो गई। भूषण के शव को बलिया रेलवे स्‍टेशन पर उतार पोस्‍टमार्टम के लिए भेजा गया है।