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वाराणसी में सीएम योगी बोले- ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना

वाराणसी: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे। यहां सीएम योगी ने औषधि के राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया। आशा महाविद्यालय में औषधि विकास और अवसर विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। उन्होंने फार्मा सेक्टर के विशेषज्ञ, स्टेक होल्डर्स और उद्यमियों को यूपी में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फार्मा सेक्टर के लिए पर्याप्त मैनपॉवर, बेहतर रोड कनेक्टिविटी, पर्याप्त लैंड बैंक और सुरक्षित माहौल उपलब्ध है। संबोधन के दौरान सीएम योगी ने फार्मा सेक्टर से जुड़े लोगों को इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करते हुए कहा कि फार्मा सेक्टर में अपार संभावनाएं है जो भारत की तस्वीर बदल सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आवश्यकता है कि फार्मा सेक्टर के रिसर्च फेलो और छात्र-छात्राएं गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से काम करें। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश फार्मा का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरने जा रहा है। दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को दोपहर बाद वाराणसी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ बाबतपुर एयरपोर्ट से सीधे आशा महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे सत्र में पहुंचकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

फार्मा बाजार में भारत की बड़ी भूमिका
सीएम योगी ने कहा कि पिछले नौ साल में फार्मा सेक्टर में बहुत से नये कार्य हुए हैं। इन्हीं प्रयासों की वजह से फार्मा बाजार में भारत बड़ी भूमिका में है। कोरोना काल की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि मानवता के उस दौर में भारत ने अपनी सामर्थ्य और ताकत का प्रदर्शन दुनिया के भले के लिए किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फार्मा सेक्टर के निवेशकों का आह्वान किया और कहा कि फार्मा सेक्टर में जो संभावना दुनिया में भारत के अंदर है, वही संभावना भारत के अंदर उत्तर प्रदेश में है। इस क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञ, रिसर्च फेलो, स्टेक होल्डर्स और छात्र छात्राओं को अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए आश्वस्त होकर इसमें कार्य करना चाहिए।

शोध के साथ करना होगा नए संस्थानों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 करोड़ लोग यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर हैं। लखनऊ और पटना के बीच दवा के केवल दो बड़े बाजार वाराणसी और गोरखपुर में हैं। पटना तक दवा की आपूर्ति वाराणसी से और काठमांडू तक दवा की आपूर्ति गोरखपुर से होती है। ऐसे में इस क्षेत्र में शोध के साथ ही नये संस्थानों का भी निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने ठान लिया है तो दुनिया के मंच पर भारत की प्रतिभा अवश्य छाएगी।