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वाराणसी: संत रविदास जन्मस्थली में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी

वाराणसी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी में संत रविदास जन्मस्थली में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंच गई हैं। प्रियंका के दौरे के मद्देनज़र यहां सुरक्षा बढ़ाई गई है उत्तर प्रदेश की राजनीति में पांव जमाने की कोशिश में प्रियंका गांधी दिन रात मेहनत कर रही हैं। वो कभी सीएए प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए यूपी के कोने-कोने जाती हैं तो कभी किसानों और कानून व्यवस्था का मुद्दा उछलती हैं। इन सबके बीच प्रियंका गांधी की नजर उत्तर प्रदेश के दलितों पर टिकी है। रविदास मंदिर के कार्यक्रम में हिस्सा लेना इसी रणनीति का हिस्सा है। हाल के सालों में दलितों का बीएसपी से मोहभंग होता दिखा है। दलितों का एक बड़ा धड़ा अब मायावती के साथ नहीं है। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ये धड़ा बीजेपी के साथ दिखा। लेकिन जिस तरह से दलित एक्ट में संशोधन हुआ, उससे ये वर्ग बीजेपी को लेकर पशोपेश में है। प्रियंका गांधी की नजर इन्हीं दलित वर्ग पर टिकी है। कुछ महीने पूर्व सोनभद्र में दलितों के नरसंहार को लेकर प्रियंका गांधी ने जिस तरह के तेवर दिखाए उसे हर कोई देख चुका है।
बीते कुछ सालों में रविदास मंदिर राजनीति का नया केंद्र बन गया है। 90 के दशक में इस मंदिर में सिर्फ बीएसपी नेताओं का ही आना जाना था, लेकिन 2014 के बाद से हालात बदल गए हैं। बीएसपी नेताओं के अलावा अब यहां राजनीति के बड़े चेहरे दिखाई पड़ते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ सरीखे नेता रविदास मंदिर में मत्था टेक चुके हैं। अब इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी नाम जुड़ गया है।

प्रियंका ने एक ट्वीट में लिखा- ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ों सब सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न। जगत पितामा, साहिबे कमाल, सदगुरु श्री रविदास जी महाराज की जयंती की आप सबको लख लख बधाइयां। संत शिरोमणि गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर की चौखट पर मत्था टेकने आज बनारस में रहूंगी।

रविदास जयंती के जरिए जनाधार मजबूत करने में जुटीं प्रियंका
प्रियंका के इस दौरे को गैर-राजनीतिक बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि वह ‘जनाधार की मजबूत जड़ों को सींचने की कोशिश कर रही हैं। इस दौरान सीर में उन्होंने संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने के साथ ही लंगर और प्रसाद भी ग्रहण किया।’ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रियंका की बहुत दिनों से इच्छा थी कि ‘वह संत शिरोमणि गुरु रविदास की जन्मस्थली सीर में मत्था टेकें।’ बता दें कि इससे पहले कि 10 जनवरी को प्रियंका गांधी बनारस के राजघाट स्थित संत रविदास मंदिर में दर्शन करने पहुंची थीं। वहां से नाव से वह पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ गई थीं। प्रियंका काशी विश्वनाथ मंदिर भी गई थीं।

संत रविदास की स्तुति का नाटक कर रही है कांग्रेस: मायावती
वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियों पर संत रविदास के मंदिरों में जाकर निजी स्वार्थ के लिए नाटकबाजी करने का आरोप लगाया। मायावती ने रविवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियां यहां उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार होने पर संत गुरु रविदास जी को कभी मान-सम्मान नहीं देती लेकिन सत्ता से बाहर होने पर ये अपने स्वार्थ में उनके मन्दिरों/स्थलों आदि में जाकर कई प्रकार की नाटकबाजी जरूर करती है। इनसे सतर्क रहें।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया- जबकि यहां बीएसपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने अपनी सरकार के समय में संत रविदास को विभिन्न स्तरों पर पूरा-पूरा मान-सम्मान दिया है। उन्हें भी अब विरोधी पार्टियां एक-एक करके खत्म करने में लगी हैं जो अति निन्दनीय है।