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शिंदे और फडणवीस की मुलाकात से और गरमाया महाराष्ट्र का सियासी माहौल, सरकार बनाने की अटकलें हुई तेज!

मुंबई: महाराष्‍ट्र की सियासत में हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं। यहां चल रहे सियासी ड्रामे में अब तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोई सीधी भूमिका नजर नहीं आई है। यहां तक कि राकांपा के दो बड़े नेता उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल भी कह चुके हैं कि उन्हें शिवसेना में बगावत के पीछे भाजपा का कोई हाथ नजर नहीं आता। लेकिन 24-25 जून की आधी रात को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस एवं शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की गुजरात में हुई मुलाकात की चर्चा जोरों पर है। हालांकि, इस मुलाकात की पुष्टि अब तक दोनों में से किसी पक्ष की ओर से नहीं की गई है।
लेकिन सूत्रों से पता चला है कि एकनाथ शिंदे गुवाहटी होटल से निकलकर गुपचुप गुजरात के वडोदरा पहुंचे थे। वहीँ फडणवीस मुंबई से इंदौर पहुंचे थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वहां पहले से ही किसी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। यहीं पर तीनों नेताओं के बीच राज्य में सरकार बनाने को लेकर बातचीत हुई है? विधायकों के नए गुट की विधानसभा में मान्यता को लेकर शिवसेना एवं विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल द्वारा पैदा की जा रही अड़चनों को लेकर आगे की रणनीति पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करने के लिए ही एकनाथ शिंदे 24-25 जून की रात गुपचुप गुजरात गए थे। वहां बागी गुट को विधानसभा में मान्यता दिलाने के लिए किस-किस स्तर पर लड़ाई लड़ी जानी है, इसे लेकर फडणवीस से विस्तार से चर्चा हुई है, क्योंकि अब माना यही जा रहा है कि शिवसेना आसानी से हथियार डालने वाली नहीं है।

शिंदे ने जारी किया 38 विधायकों के समर्थन का पत्र
वहीँ शिवसेना के बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले एकनाथ शिंदे ने एक और धमाका किया है। उन्होंने 38 विधायकों के समर्थन वाला पत्र जारी किया है। शिंदे की ओर से जारी किए गए पत्र में सभी 38 विधायकों के हस्ताक्षर भी हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं की बेहतरी के लिए यह लड़ाई: शिंदे
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि मैं शिवसेना और उसके कार्यकर्ताओं को महाविकास अघाडी सरकार के चंगुल से मुक्त करना चाहता हूं और मैं इसके लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई पार्टी कार्यकर्ताओं की बेहतरी के लिए है।

बागियों ने बदला पैंतरा, होटल की बुकिंंग बढ़ाने की मांग
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बागी विधायकों के गुट ने भी पैंतरा बदलते हुए होटल प्रबंधन से गुवाहाटी में अपनी बुकिंग 2 और दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की है। पहले यह बुकिंग 28 जून तक थी।

हम आज भी शिवसेना में हैं और आगे भी शिवसेना में ही रहेंगे!
वहीँ शिवसेना के बागी विधायकों के गुट ने कहा है कि हम आज भी शिवसेना में हैं और आगे भी शिवसेना में ही रहेंगे। हम किसी दूसरे दल में विलय नहीं करेंगे। शनिवार को गुवाहाटी में हुई शिंदे गुट की पहली प्रेस कांफ्रेस में शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हमनें विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी जिरवाल को पत्र भेजकर अलग गुट के तौर पर मान्यता देने की मांग की है। केरसकर ने कहा कि 16 विधायक 50 विधायकों के समर्थन वाले नेता को विधायक दल नेता पद से नहीं हटा सकते।
गुवाहाटी के होटल से आयोजित ऑनलाईन प्रेस कांफ्रेस में केसरकर ने कहा कि हमें शनिवार-रविवार को छुट्टी का दिन देखकर बागी विधायकों को नोटिस दिया गया है।
विधायकों के कार्यालय तोड़े गए हैं। महाराष्ट्र में दंगे हो रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से अपील करुंगा कि वे इसे रोके। संविधान का उलंघन होगा तो अदालत जाएंगे। हम बालासाहेब ठाकरे के बताए रास्ते पर चलेंगे। हमारे पास दो तिहाई बहुमत है। उस दिन शिवसेना की बैठक में मैं था, केवल 16 विधायक आए थे। हम किसी दूसरे दल विलय नहीं करेंगे।
केसकर ने बताया कि हम शिवसेना (बालासाहेब) के नाम से अलग गुट की मान्यता चाहते हैं। लेकिन यदि बालासाहेब के नाम पर उनको (उद्धव गुट) को एतराज है तो हम अपने गुट का नाम ‘शिवसेना’ ही रखेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की जरुरत पड़ी तो हम राज्यपाल के सामने विधायकों को पेश करेंगे। हमारे पास बहुमत है। हम विधानसभा सदन में बहुमत पेश करेंगे। एक सवाल के जवाब में केसरकर ने कहा कि हम उचित समय पर मुंबई आएंगे और बहुत साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बगावत के पीछे भाजपा का कतई हाथ नहीं है।