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महाराष्ट्र के 15 बागी विधायकों को केंद्र सरकार ने दी Y+ कैटेगरी की सुरक्षाः सूत्र

मुंबई/गुवाहाटी: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद महाराष्ट्र सरकार खतरे में आ गई है। इसी सियासी संकट के बीच गुवाहाटी में डेरा डाले बागी नेता एकनाथ शिंदे ने रविवार को फिर विधायकों की एक बैठक बुलाई है। इससे पहले शनिवार को भी बागी विधायकों की एक बैठक हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे आज बुलाई गई बैठक में आगे की रणनीति को लेकर विधायकों से चर्चा करेंगे। यह बैठक ऐसे वक्त में हो रहा है जब 16 विधायकों को डिप्टी स्पीकर ने नोटिस दिया है। उन्हें कल शाम तक इसका लिखित जवाब देना है।
वहीं शिवसेना के अंदर चल रही उठापटक के बीच भाजपा भी सक्रिय हो गई है। शनिवार रात एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात की भी चर्चा है। दोनों नेताओं की मुलाकात किन मुद्दों पर हुई और उसका परिणाम क्या रहा, ये अभी तक सामने नहीं आया है।
शिवसेना से बगावत करने वाले नेताओं का कहना है कि उन्होंने शिवसेना को एमवीए से बचाने के लिए बगावत की है। खबर है कि अब सरकार बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। बीती रात बागी नेता एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेता अमित शाह व देवेंद्र फडनवीस की मुलाकात गुजरात के वडोदरा शहर में हुई। वहीं यह खबर आ रही है कि बागी नेताओं ने गुवाहाटी के होटल की बुकिंग दो दिन के लिए बढ़ा दी है। पहले यह बुकिंग 28 जून तक के लिए थी लेकिन अब इसे 30 जून तक के लिए बढ़ाया गया है।
पिछले दिनों शिवसेना के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद एकनाथ शिंदे खेमे के बागी विधायकों ने भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान शिवसेना द्वारा किए गए हमलों का जवाब दिया गया और यह साफ किया गया कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने शिवसेना नहीं छोड़ी है। एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि अब तक हमने किसी के भी बाप के नाम पर किसी से भी वोट नहीं मांगा है। शिवसेना के दो तिहाई विधायक हमारे नेता एकनाथ शिंदे गुट में हैं। इसलिए शिवसेना के नाम का इस्तेमाल करने से हमें कोई नहीं रोक सकता।
दीपक केसरकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे के समर्थक किसी भी पार्टी में विलय करने की नहीं सोच रहे हैं। भाजपा से या किसी भी पार्टी से इस बारे में हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि ने जो उनके 16 विधायकों के खिलाफ निलंबन के लिए नोटिस भेजा, उसके खिलाफ शिंदे गुट के विधायक कोर्ट जाएंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष को यह करने का कोई हक नहीं है। शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को नोटिस का जवाब देने के लिए बागी विधायकों को कम से कम 7 दिन का समय देना चाहिए था। कानून के तहत हमारी सदस्यता कोई रद्द नहीं कर सकता। शिवसेना के दो तिहाई विधायक हमारे साथ हैं। बिना बहुमत यह निर्णय कैसे किया जा सकता है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने शिंदे गुट के 12 विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी कर सोमवार शाम 5.30 बजे तक लिखित जवाब मांगा है और कहा है कि क्यों ना उन्हें विधायिकी के लिए अयोग्य ठहराया जाए?

20 कथित विधायक सीएम उद्धव ठाकरे के संपर्क में
बताया जा रहा है कि बागी मंत्रियों के खिलाफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं। इनका विभाग छिन सकता है- एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, शंभुराजे देसाई अपना विभाग गंवा सकते हैं।
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायक अब दो खेमे में बंट गए हैं। क्योंकि कई विधायक भाजपा में विलय नहीं करना चाहते। सूत्रों की मानें तो इसमें से शिंदे खेमे के 20 कथित विधायक सीएम उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं।

इन बागी नेताओं को केंद्र सरकार ने दी सुरक्षा!
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने बागी नेता रमेश बोर्नारे, मंगेश कुडालकर, संजय सिरसाट, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, सदानंद सरवनकर, योगेश दादा कदम, प्रताप सरनाइक, यामिनी जाधव, प्रदीप जायसवाल, संजय राठौड़, दादाजी भूसे, दिलीप लांडे, बालाजी कल्याणर, संदीपन भुमारे को सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई है। मुंबई में शिवसेना कार्यकर्ताओं की धमकी को देखते हुए बागी विधायकों को केंद्र सरकार ने सुरक्षा प्रदान की है। केंद्र सरकार ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को Y+ श्रेणी के सशस्त्र केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) सुरक्षा कवच प्रदान किया है।

महाराष्ट्र पर कब्जा करने नहीं देंगे: आदित्य
सियासी संकट के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे व सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि जब वे ‘फ्लोर टेस्ट’ के लिए मुंबई में उतरेंगे तो हवाई अड्डे से विधान भवन तक का रास्ता वर्ली से होकर जाता है। वर्ली के बाद परेल और फिर भायखला है। उन्हें बांद्रा और कलिना पार करना होगा। महाराष्ट्र हमारा है और हम किसी को महाराष्ट्र पर कब्जा नहीं करने देंगे। शिवसेना की युवा कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे आदित्य ठाकरे ने मुंबई के सांताक्रूज में पार्टी कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

‘कब तक छिपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में…
इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत अपने एक ट्वीट को लेकर फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में गुवाहाटी पहुंचे विधायकों पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया- ‘कब तक छिपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में…!’
दरअसल, विधायकों की बगावत के बाद संजय राउत लगातार विधायकों को मुंबई आने के लिए कह रहे हैं। संजय राउत एक के बाद एक बयान दे रहे हैं जिससे दोनों खेमों में हलचल मची हुई है। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे आज संजय राउत को भी जवाब देंगे।

लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे: राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर से बागी विधायकों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे। कल उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं वो शिवसेना नाम का इस्तेमाल ना करें और अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करें और वोट मांगें। राउत ने आगे कहा, उन्हें जो करना है करने दो, मुंबई तो आना पड़ेगा ना। वहां बैठकर हमें क्या सलाह दे रहे हैं? लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं’ लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है।

शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के पोस्टर्स पर जूते बरसाएं
मुंबई में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने बागी विधायकों के खिलाफ जूते मारो आंदोलन किया।इस दौरान बागी विधायकों के पोस्टर्स पर जूते-चप्पल बरसाएं। वहीँ ठाणे में एकनाथ शिंदे खेमे के समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों पर पेंट लगाया।