ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

शिंदे सरकार ने दिया मराठवाड़ा के लिए 59 हजार करोड़ का पैकेज, फडणवीस बोले- विपक्ष लगा रहा था विकास में अड़ंगा

मुंबई: महाराष्ट्र के संभाजीनगर में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं को मंजूरी दी है. मराठवाड़ा के लिए 59 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई है. जिसमें से सिंचाई परियोजना के लिए 14 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है. इससे नदियों को जोड़ने का काम किया जाएगा. बैठक में संभाजीनगर और धाराशिव जिले का आधिकारिक रूप से नाम करण किया गया.

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विरोधी दल यह बैठक होने नहीं देना चाहते थे. खुद कुछ किया नहीं और हमें भी करने नहीं देना चाहते थे. विरोधियों पर हमला करते हुए फडणवीस ने कहा की हमने क्या किया यह सवाल करने से पहले उन्हें बताना चाहिए कि दो सालों तक उन्होंने क्या किया? फडणवीस ने बताया कि 4 अक्टूबर 2016 की बैठक में 31 निर्णय लिए गए थे, 2017 की समीक्षा में 10 विषय पूरे किए हुए और 6 अधूरे थे, आज 31 में से 23 पूरे हो गए, 7 प्रगति पर हैं, जबकि एक उद्धव के समय में कहीं चला गया है.
उन्होंने कहा कि जालना सीड पार्क को उद्धव सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी, लेकिन हम दे रहे हैं. उद्धव की सरकार ने जल ग्रिड योजना को खत्म कर दिया, इस मुद्दे को दबा दिया और अब वे हमसे पूछ रहे हैं कि क्या केंद्र इसमें किसी भी तरह से मदद करेगा?

वहीँ, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बैठक को लेकर खूब चर्चाएं हो रही थीं, लेकिन असल मायने में यह बैठक मराठवाड़ा को न्याय दिलाने के लिए थी. कुछ लोग कहते हैं कि घोषणाएं तो कर देते हैं, लेकिन फैसले नहीं होते, लेकिन मैं कह रहा हूं कि साल भर में हमारी सरकार ने आम जनता को सामने रखकर फैसले लिए. 35 सिंचाई परियोजनाओं को संशोधित मंजूरी दी गई. हमारे सत्ता में आने के बाद जल संसाधन विभाग का निर्णय लिया गया, सिंचाई बैकलॉग हटाया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 हजार करोड़ समुद्र में बहने वाले पानी को गोदावरी बेसिन में मोड़ने के संबंध में उपयोग किया जायेगा. इसमें 13 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है. 12938 करोड़ के लोक निर्माण कार्य के लिए दिया गए हैं. 1608 करोड़ की योजना, कृषि विभाग के लिए 709 करोड़. पर्यटन के लिए 95 करोड़ से पैठन संत ज्ञानेश्वर पार्क और शहर में 3 प्राचीन पुलों के लिए धन का प्रावधान किया जायेगा.

जिस स्थान पर बारिश से नुकसान हुआ है, वहां किसान बीमा से नुकसान की भरपाई की जाएगी. कुल 45 हजार करोड़ रुपये का फैसला लिया गया है. नदी जोड़ को छोड़कर 14 हजार किसानों को मदद दी जाएगी, हम फसल बीमा कंपनियों से 21 दिन के क्लॉज पर बात कर रहे हैं. नियम बदलने से मदद मिलेगी.