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शिवसेना MLC नीलम गोर्हे के विप उपसभापति चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती

मुंबई: शिवसेना विधायक नीलम गोर्हे को विधानपरिषद उपसभापति चुने जाने को लेकर भाजपा के विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस संबंध में राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने अदालत से आग्रह किया है कि वे इस मामले से जुड़े तथ्यगत पहलू रिकॉर्ड में लाना चाहते हैं। इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए।
महाधिवक्ता श्री कुम्भकोणी के इस आग्रह के मद्देनजर न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने इस याचिका पर अगली सुनवाई 3 नवंबर 2020 को रखी है। पडलकर ने याचिका में दावा किया है कि उपसभापति का चुनाव विधानपरिषद के कामकाज से जुड़े नियमों के विपरीत किया गया है। यह स्थापित लोकतांत्रिक सिद्धान्तों व संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि चूंकि वे कोरोना संक्रमित थे इसलिए चुनाव में न तो हिस्सा ले पाए और न ही मतदान कर पाए। क्योंकि कोरोना संक्रमित सदस्य के सदन के भीतर प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। चुनाव के दौरान उनके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
उन्होंने चुनाव को स्थगित करने का आग्रह भी किया था। फिर भी नियमो को ताक पर रख कर मनमानी पूर्ण तरीके से चुनाव कराया गया। यह पूरी तरह से अनुचित है। इसलिए 8 सितंबर 2020 को विधानपरिषद के उपसभापति के चुनाव परिणाम को लेकर जारी अधिसूचना को रद्द किया जाए। चुनाव से जुड़े सारे रेकॉर्ड व प्रोसीडिंग को अदालत में मंगाया जाए। खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता कुम्भकोणी ने कहा कि वे मामले से जुड़े तथ्यगत रिकॉर्ड सामने लाना चाहते हैं। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। गौरतलब है कि 54 साल बाद विप उपसभापति के रूप में दूसरी महिला नीलम गोर्हे को निर्विरोध चुना गया था।