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संजय पांडे बने मुंबई के नए पुलिस आयुक्त

मुंबई, (राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पूर्व कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक संजय पांडे को मुंबई का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया है। इससे पहले उन्हें पिछले साल अप्रैल में महाराष्ट्र का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था, लेकिन तब उन्हें पूर्ण प्रभार नहीं दिया था।
बता दें कि भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 1986 बैच के अधिकारी संजय पांडे हेमंत नागराले की जगह लेंगे। वहीं मौजूदा पुलिस आयुक्त नागराले को प्रबंध निदेशक के रूप में महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम में स्थानांतरित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से परमबीर सिंह को जब होमगार्ड प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया था तब संजय पांडे को इस पद से हटाकर इससे कम अहमियत का पद समझे जाने वाले महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के प्रबंध निदेशक के तौर पर नियुक्ति दी गई थी। पिछले साल मार्च में की गई इस बदली से वे राज्य सरकार से नाराज थे। अपनी इस नई पोस्टिंग से असंतुष्ट संजय पांडे ने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि आपने तबादला करते हुए मेरी वरिष्ठता को नजरंदाज किया है। इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र के डीजीपी के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वे 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर चुके हैं। महाराष्ट्र में इन्होंने एसीपी पुणे के रूप में कार्य की शुरुआत की थी। इसके बाद पांडे मुंबई में डीसीपी रैंक के अधिकारी बने। साल 1993-93 के दंगों के दौरान पांडे डीसीपी थे। संजय पांडे तभी चर्चा में आए। इसके बाद वह नारकोटिक्स, इकनामिक्स आफिस विंग में भी रहे। उन पर महाराष्ट्र के डीजीपी का अतिरिक्त पदभार था। परन्तु कुछ ही दिनों पहले महाराष्ट्र के डीजीपी के तौर पर रजनीश सेठ की नियुक्ति की गई और उनसे यह पद ले लिया गया। अब राज्य सरकार ने संजय पांडे को मुंबई पुलिस की जिम्मेदारी सौंपी है।

वहीं हेमंत नगराले के करियर की बात करें तो उन्हें पिछले साल परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद मुंबई पुलिस की जिम्मेदारी दी गई थी। वे 1998 से 2002 तक डेप्यूटेशन पर सीबीआई में रहे। इस बीच वे मुंबई सीबीआई और दिल्ली सीबीआई के डीआईजी के तौर पर कार्यरत रहे। हेमंत नगराले के बड़े कामों में 130 करोड़ का केतन पारिख द्वारा बैंक ऑफ इंडिया घोटाला, 1800 करोड़ रुपए का माधोपुरा को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला और 2001 के 400 करोड़ के हर्षद मेहता घोटाले की जांच शामिल है।