दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

संजय राऊत बोले- अब वक्त आ गया राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपाशासित राज्यों का नेतृत्व करें उद्धव

मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपा शासित राज्यों का नेतृत्व करना चाहिए। महाराष्ट्र को यह नेतृत्व करने का समय आ गया है। राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ने को लेकर कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में जिस तरह की भूमिका व्यक्त की है इससे मुझे लगता है कि उद्धव ने अपनी मानसिकता तैयार कर ली है। उन्होंने दूसरे गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को साथ आने का आह्वान किया है। राऊत ने कहा कि राज्य सरकारों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है और राज्यों की सरकार पर अतिक्रमण हो रहा है। ऐसे में सभी को एकसाथ आना चाहिए। राऊत ने कहा कि यूपीए का नेतृत्व सोनिया कर रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक दिखानी चाहिए। इसके लिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ हम सभी को काम करना चाहिए।
सरकार के घटक दलों के नेताओं के बार-बार मतभेद उभरकर सामने आने के सवाल पर राऊत ने कहा कि तीनों दलों के बीच बेहतर तालमेल है। राज्य मंत्रिमंडल के कामकाज को लेकर तीनों दलों के मंत्रियों की समन्वय समिति है। तीनों दलों से संबंधित समस्याओं को निपटाने के लिए भी एक समन्वय समिति बनाने पर चर्चा हुई थी। उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि इसकी जरूरत नहीं है। अब देखते हैं कि इस तरह की समिति बनाई जा सकती है। एक सवाल के जवाब में राऊत ने कहा कि मंदिर और जिम शुरू करने के बारे में राज्य सरकार सितंबर के पहले सप्ताह में फैसला ले सकती है।

राहुल ही कर सकते हैं पार्टी का नेतृत्व
राऊत ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ही पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं। राऊत ने पूछा कि कांग्रेस में नेतृत्व करने के लिए दूसरा नेता कौन है? मुझे एक पत्रकार और संपादक के रूप में राहुल के अलावा दूसरा कोई नेतृत्व नजर नहीं आ रहा है। राऊत ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूर्णकालिक राजनीति करते हुए नजर नहीं आती। पार्टी के वरिष्ठ नेता मार्गदर्शक मंडल की भूमिका निभाने की स्थिति में आ गए हैं। राऊत ने कहा कि कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता हैं। इन नेताओं के कारण राहुल को ठीक ढंग से नेतृत्व करना संभव नहीं हो पा रहा होगा। देश को मजबूत विपक्ष की जरूरत है। इसलिए कांग्रेस को एक बार फिर से जमीन पर काम शुरू करना चाहिए।

शिवसेना ने पृथ्वीराज चव्हाण पर साधा निशाना
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर निशाना साधा है। चव्हाण कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल हैं। इसपर शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और मिलिंद देवड़ा के बारे में हम अधिक क्या बोलें? चव्हाण को सातारा लोकसभा चुनाव में जीतने के लिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की मदद लेनी पड़ी थी। ऐसे लोगों द्वारा सोनिया गांधी से पार्टी के लिए पूर्णकालिक सक्रिय अध्यक्ष की मांग करना आश्चर्यजनक लगता है। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी जब सक्रिय थे, उन्होंने अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का सामना किया। उस समय ये सक्रिय ‘पत्र नेता’ कहां थे? राहुल को जितना मोदी-शाह और भाजपा ने नहीं दबाया, उससे ज्यादा कांग्रेस के पुराने नेताओं ने उनका मनोबल गिराया है। चव्हाण की आलोचना किए जाने पर राऊत ने कहा कि चव्हाण बड़े नेता हैं, उन्हें चुनाव जीतने के लिए सहयोगी दलों की जरूरत पड़ी थी। इस संदर्भ में यह बातें कही गई हैं।

देवेंद्र फडणवीस पर नरमी नहीं
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा ई-पास बंद नहीं करने को लेकर सरकार पर की गई टिप्पणी पर राऊत ने कहा कि मैं उनके बयान को आलोचना की नजर से नहीं देखता हूं। फडणवीस ने अपना विचार व्यक्त किया है। उनकी बात सरकार तक पहुंच गई है। फडणवीस को लेकर बयानों में नरमी बरतने के सवाल पर राऊत ने कहा कि मैं हमेशा सत्य बोलता हूं। बिना कारण किसी पर हमला क्यों करूं। राऊत ने तंज कसते हुए कहा कि फडणवीस विपक्ष के नेता के रूप में उत्तम काम कर रहे हैं। मैंने देश में उनके जैसा विपक्ष का नेता नहीं देखा है। मुझे विश्वास है कि इतिहास में उनका नाम उत्तम विपक्ष के नेता के रूप में लिखा जाएगा।