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संसद भवन अटैक 2001: 19वीं बरसी पर, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि! कहा- कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे

नयी दिल्ली: संसद भवन पर 2001 में हुए आतंकी हमले की आज 19 वीं बरसी है. पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ट्वीट कर हमले में मारे सुरक्षाकर्मियों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है.

पीएम मोदी ने किया शहीदों को याद
पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा- ‘हम 2001 में इस दिन अपनी संसद पर कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे. हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं. जिन्होंने अपनी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई. भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा.’

गृहमंत्री अमित शाह ने किया ट्वीट
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके कहा- ‘2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूं. कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा.’

लोकसभा स्पीकर बिरला ने दी श्रद्धांजलि
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी ट्वीट कर संसद के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी. ओम बिरला ने कहा- ‘वर्ष 2001 में आज ही के दिन लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन की सुरक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों व संसद के कर्मचारियों को विनम्र श्रद्धांजलि. आपकी निष्ठा, शौर्य और पराक्रम हमें आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष के हमारे संकल्प को और मजबूत करने की प्रेरणा देता रहेगा.’

संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुआ था हमला
जैश-ए- मोहम्मद के 5 आतंकियों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला कर पूरे देश को हैरत में डाल दिया था. हमले के दौरान संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था. हालांकि विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही उस वक्त स्थगित हो चुकी थी. उसी दौरान संसद परिसर में घुसे आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई. जिसमें 9 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. वहीं सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में पांचों आतंकवादी भी मारे गए. हमले के दौरान देश में बीजेपी की अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार शासन कर रही थी.

संसद की स्टिकर लगी कार से परिसर में घुसे थे आतंकी
हमला करने वाले संसद का स्टिकर लगी कार के जरिए संसद परिसर में घुसे थे. स्टिकर लगा होने की वजह से सुरक्षा में लगे जवानों को उन पर शक नहीं हुआ. उसके बाद आतंकी तीन ग्रुप में अलग-अलग हो गए और गोलीबारी के साथ ही हथगोलों की भी बरसात कर दी. अचानक हुए इस हमले से सुरक्षाबल शुरू में हड़बड़ा गए लेकिन तुरंत ही उन्होंने संभलकर जवाबी फायरिंग शुरू की. इसके बाद एक-एक करके सभी आतंकियों को मार गिराया गया.

हर साल 13 दिसंबर को दी जाती है शहीदों को श्रद्धांजलि
इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान शहीद हुए थे. वहीं CRPF की एक महिला कर्मी और संसद के दो सुरक्षा सहायक ने आतंकियों से लड़ते हुए शहादत पाई थी. मुठभेड़ में एक माली की भी मौत हो गई थी. संसद परिसर में हर साल 13 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम में इन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इन शहीदों के परिवार वालों को भारत सरकार की ओर से मुआवजे के रूप में गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप आवंटित किए गए थे.