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नहीं रहे हिंदी पत्रकारिता के ‘सरदार’ रोहित सरदाना!

नयी दिल्ली/मुंबई,(राजेश जायसवाल): 22 सिंतंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जन्मे रोहित सरदाना एक प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार, हिंदी के लोकप्रिय न्यूज एंकर अब हमारे बीच में नहीं रहे…! कहते हैं डाक्टर भगवान का रूप होता है…30 अप्रैल की सुबह जब उन्हें अटैक आया तो डॉक्टर उन्हें वेंटीलेटर पर भी ले गए, परन्तु डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके!
दिल्ली के मेट्रो अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। करीब 11:00 बजे खबर आती है कि रोहित सरदाना की हालत बहुत ही ज्यादा गंभीर होने की वजह से उनकी दिल की धड़कनें रुक गई। हालांकि, कल शाम तक उनकी हालत बहुत सही थी। करीबन 4:00 बजे के बाद उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी तो उन्हें आईटीओ में शिफ्ट किया गया। शुक्रवार सुबह 11:00 बजे खबर आती है कि वह अपनी जिंदगी के दंगल में जंग हार गए। वे कोरोना संक्रमित थे। मतलब कोरोना कॉल की इस महामारी में कुछ भी कहना इतना आसान नहीं है!

निडरता के लिए वे हमेशा जाने जाते रहेंगे
रोहित सरदाना ने समाज के बीच अविश्वास और कई ज्वलंत मुद्दों को दूर करने के लिए कई बहस की मेजबानी की…मैंने ‘आज तक’ पर उनका ‘दंगल’ डिबेट देखकर बहुत कुछ सीखा, कि कैसे वे बेखौफ किसी हाईप्रोफाइल व्यक्ति को भी खरी-खोटी सुना देते थे! इस साहस और निडरता के लिए वे हमेशा जाने जाते रहेंगे।

सभी पत्रकारों की तरह रोहित ने भी अपने सफ़र की शुरुआत प्रिंट मीडिया के जरिये की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2004 में की थी। बहुत ही कम समय में मीडिया इंडस्ट्री में इतनी बड़ी ख्याति स्थापित करने वाले एक निडर पत्रकार की आकस्मिक मौत का समाचार सुनकर मैं स्तब्ध हूँ। उनके निधन से हिंदी मीडिया जगत को बहुत बड़ी क्षति पहुँची है। पत्रकारिता की दुनिया में काम करने वाले लोग रोहित सरदाना को अपना आदर्श मानते है और उनके जैसे बनने की इच्छा रखते है।

रोहित ने हरियाणा से ही अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए वे हिसार चले गए और उन्होंने गुरु जम्बेश्वर विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दाखिला लिया। उन्होंने वहां से मनोविज्ञान में स्नातक (BA) की डिग्री हासिल की है, और उसी यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स (MA) की डिग्री हासिल की है।
आख़िरकार, जब रोहित स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिसार में परास्नातक के लिए गए, तो वहां कक्षा में सभी से यह पूछा गया कि पत्रकारिता करने के बाद आप क्या करोगे? तब कक्षा में सभी छात्रों ने कहा कि वे समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं। जबकि रोहित सरदाना ही एकमात्र छात्र थे जिन्होंने कहा ‘मैं सिर्फ टीवी स्क्रीन पर ही रहना चाहता हूँ।’

जैसा कि मैंने आपको बताया कि रोहित सरदाना का एकमात्र सपना था टीवी जगत में आने का। रोहित चाहते थे कि वो एक बार टीवी पर आ जाए इसके लिए उन्होंने पत्रकारिता की तरफ अपना कदम बढ़ा लिया। शुरू में रोहित ने अपने कुछ इंटरव्यू दिए जिनमें से उन्हें रेडियो स्टेशन पर नौकरी मिल गई, लेकिन रोहित यहाँ खुश कहा होने वाले थे। उनके ऊपर तो टीवी पर आने का जूनून जो सवार था इसके बाद रोहित दिल्ली आ गए। यहाँ पर रोहित सरदाना को ई-टीवी नेटवर्क के साथ इंटरशिप में काम करने का मौका मिला। इसके बाद रोहित एक पत्रकार के रूप में काम करने लग गए। कुछ समय बाद उनका ट्रांसफर हैदराबाद हो गया और वही पर उन्होंने न्यूज़ एंकर के लिए कई ऑडिशन दिए परन्तु वह किसी में भी सफल नहीं हो सके।
असफल होने के बाद रोहित ने यही अपनी हार नहीं मानी और फिर उसके 5 महीने बाद उन्होंने VT एडिटर की ट्रेनिंग ली और उसके बाद उन्होंने गुजरात में हुए चुनाव को लेकर उनके द्वारा किये गए काम ने सभी को चौंका दिया उसके बाद उन्हें न्यूज़ एंकर की नौकरी मिल गई। इस तरह से शुरू होता है रोहित सरदाना का टीवी एंकर के रूप में सफर।
इसके बाद उन्होंने अपनी योग्यता और टैलेंट के दम पर बहुत ही कम समय में सभी का दिल जीत लिया। उनका ‘जी न्यूज़’ पर चलने वाला शो ‘ताल-ठोक’ बेहद प्रसिद्ध था जिसमें वह समकालीन और सामजिक मुद्दों पर बहस किया करते थे।
वही 2017 में उन्होंने ‘जी न्यूज़’ छोड़ दिया और ‘आज तक’ चैनल को ज्वाइन कर लिया। जिसमें वह मशहूर शो ‘दंगल’ की मेजबानी करते दिखाई देते थे।
रोहित सरदाना अपनी मौत से पहले ‘आज तक’ न्यूज़ चैनल के लिए काम कर रहे थे। कुछ दिनों से वे अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के कारण भर्ती थे। इसी दौरान हृदयगति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।

बेटियों से बहुत प्यार करते थे रोहित
इनकी दो बेटियां थी। रोहित अपनी बेटियों से बहुत ही ज्यादा लगाव रखते थे। सोशल मीडिया पर हर दिन नई नई तस्वीरें अपनी बेटियों से प्यार करते हुए अपलोड किया करते थे। क्या पता होगा उन्हें कि आज उनकी परियों के भगवान को इस महामारी ने निगल लिया है। सोशल मीडिया पर उनके प्रखर व्यक्तित्व का व्याख्यान करते हुए तमाम नमी नामी-गिरामी हस्तियां हस्तियां उन्हें श्रद्धांजली अर्पित कर रही हैं।
किसी का हंसता-खेलता हुआ परिवार टूटना इतना आसान नहीं होता। इसलिए मैं आप सभी से गुजारिश करता हूँ कि अभी भी समय है। आप अपने लिए ना ही सही। पर अपने परिवार के लिए ही सतर्क हो जाइए। सोशल डिस्टेंस बनाए रखें। और कोविड-19 से लड़ने के सारे नियमों को फॉलो करें। क्योंकि यह महामारी छोटा बड़ा, गरीब-अमीर किसी को नहीं पहचानती। जरा सी लापरवाही के चलते हर दिन हम किसी अपने को खोते जा रहे हैं! प्लीज…प्लीज

ईश्वर रोहित सरदाना की पवित्र आत्मा को शांति दे! शोकाकुल परिवार को असहनीय दुःख सहने की शक्ति दें!
ॐ शांति…शांति…शांति
भावपूर्ण श्रद्धांजली!