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मुंबई: रिपब्लिक के सीईओ विकास खानचंदानी गिरफ्तार, TRP स्कैम में मुंबई पुलिस की कार्रवाई

मुंबई: मुंबई पुलिस ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए रविवार सुबह इसके सीईओ विकास खानचंदानी को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है। खबर है कि मुंबई पुलिस बिना किसी कागज़ात के उनके घर पहुंची थी और छापे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के 39 दिन बाद सीईओ विकास खानचंदानी को रविवार सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ ये कार्रवाई फेक टीआरपी मामले में हुई है जिसे लेकर कल यानी सोमवार को उनकी अग्रिम जमानत पर सुनवाई होने वाली थी। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें बिना किसी कागजात के गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले 7 दिसम्बर को विकास खानचंदानी से फर्जी टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस ने 100 घंटे से अधिक की पूछताछ की थी।
विकास की गिरफ्तारी पर अर्नब गोस्वामी ने कहा है कि मुंबई पुलिस ने जानबूझकर ऐसा किया है और सुप्रीम कोर्ट से गुज़ारिश की कि ‘वे इस मामले में संज्ञान ले’। अर्नब ने ये भी कहा कि ये कोर्ट की अवमानना है और लोग इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं। अर्नब ने कहा कि ये गैरकानूनी गिरफ्तारी है और वे चाहते हैं कि ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए देश की सभी अदालतों को हस्तक्षेप करना चाहिए।

हालांकि, पुलिस द्वारा पिछले सप्ताह दाखिल किए गए चार्जशीट से अर्नब गोस्वामी का नाम हटा लिया गया है। अप्रैल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साजिशकर्ताओं में अर्णव गोस्वमी समेत तीन आरोपी शामिल हैं लेकिन पुलिस ने अर्नब का नाम हटा लिया है।
सुसाइड मामले में महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस ने अर्णब गोस्वामी के खिलाफ 1914 पेज की चार्जशीट दाखिल किया हैं। सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले के बाद से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क लगातार विवादों में घिरा हुआ है।
अन्वय नाईक मामले में हीं मुंबई पुलिस ने अर्नब को बीते महीने उनके घर से सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिया था। उन पर इस व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। वहीं, टीआरपी स्कैम को लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने बड़ा खुलासा किया था।
बता दें कि टीआरपी स्कैम मामले में रिपब्लिक के कई कर्मचारी भी मुंबई पुलिस के रडार पर हैं। इसको लेकर रिपब्लिक ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि कर्मचारियों के खिलाफ सभी एफआईआर को रद्द और जांच को सीबीआई को ट्रांसफर कर दी जाए। जिस पर सुनवाई ने कोर्ट ने इंकार कर दिया था। इसके अलावा कोर्ट से टीम के संपादकीय और अन्य कर्मचारियों को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार न करने के आदेश की मांग की गई थी।
मुंबई के पुलिस के मुताबिक, तीन चैनल इस हेराफेरी में शामिल हैं। जिसमे रिपब्लिक टीवी, फ़क्त मराठी, बॉक्स सिनेमा है। इन चैनलों को देखने के लिए और टीआरपी बढ़ाने के लिए दर्शकों को 400-500 रुपये का भुगतान किया। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) जो टीआरपी को मापता है ने डेटा मापने के लिए मुंबई में 2,000 से अधिक बैरोमीटर लगाए हैं। जिन स्थानों पर ये उपकरण स्थापित हैं वे गोपनीय हैं।