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सांसद सुप्रिया सुले पर विवादास्पद बयान को लेकर महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष ने मांगी माफी!

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंंद्रकांत पाटील ने अपने विवादास्पद बयान के लिए माफी मांगी है. उन्होंने राकांपा नेता और सांसद सुप्रिया सुले को लेकर कहा था कि अगर उनके पास समस्याओं का हल नहीं तो वे घर जाएं और खाना पकाएं!भाजपा नेता पाटील के इस बयान की काफी आलोचनाएं हुई थीं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलितब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने कहा था कि भारतीय राजनीति में सेक्सिज्म एक आम ट्रेंड हो गया है. उन्होंने सभी महिला सांसदों से अपील की थी कि वे पार्टी लाइन से बाहर आकर इस ट्रेंड के खिलाफ आवाज बुलंद करें.
इसके बाद बढ़ते विरोध के बीच चंद्रकांत पाटील ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए रविवार को माफी मांग ली है. अब सुप्रिया सुले ने भी इस मामले को यहीं खत्म करने का आग्रह किया है. इसकी जानकारी महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर ने दी है.

चंद्रकांत पाटील ने अपने बयान को लेकर खेद तब व्यक्त किया जब राज्य महिला आयोग की ओर से उन्हें नोटिस भेजा गया. रुपाली चाकणकर ने इस बारे में कहा, कि आयोग ने चंद्रकांत पाटील को उनके सुप्रिया सुले के खिलाफ दिए गए विवादास्पद बयान के लिए नोटिस भेजा था. पाटील ने इसका जवाब देते हुए खेद जताया है और कहा है कि उन्होंने यह बयान हताशा में दिया था. वे ओबीसी राजनीतिक आरक्षण पुनर्बहाल ना हो पाने की वजह से निराश थे.

चंद्रकांत पाटील ने क्या कहा था?
ओबीसी रिजर्वेशन की पुनर्बहाली में नाकाम रहने पर महाविकास आघाडी सरकार के खिलाफ बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसी दौरान सांसद सुप्रिया सुले पर हमले करते हुए चंद्रकांत पाटील ने कहा था आप राजनीति में क्यों हैं? घर जाएं और खाना पकाएं. दिल्ली जाएं या शमशान चले जाएं. कहीं भी जाएं लेकिन ओबीसी कोटा वापस लाएं. लोकसभा की सदस्य होने के नाते आपको यह कैसे नहीं पता कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए अपॉयमेंट कैसे लिया जाता है.

सुप्रिया सुले बोलीं- कहा-सुना किया माफ
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा माफी मांगे जाने के बाद सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि मैं पहले दिन से ही उनके बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया देना नहीं चाह रही थी. लेकिन माफी मांग कर उन्होंने अपना बड़ा दिल दिखाया है. मैं सबसे यह अपील करती हूं कि वे अब इस विवाद को ठंडे बस्ते में डाल दें.