दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रशहर और राज्य सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे- इन 4 मुद्दों पर सवाल… 22nd April 202122nd April 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: कोरोना के बढ़ते ग्राफ और अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ दवाओं की किल्लत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि उनके पास कोविड-19 से निपटने के लिए क्या नेशनल प्लान है?. कोर्ट ने हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है.सुप्रीम कोर्ट ने चार अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार से नेशनल प्लान मांगा है. इसमें पहला- ऑक्सीजन की सप्लाई, दूसरा- दवाओं की सप्लाई, तीसरा- वैक्सीन देने का तरीका और प्रक्रिया और चौथा- लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, कोर्ट को नहीं. अब मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होनी है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में छह अलग-अलग हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है, इसलिए ‘कंफ्यूजन और डायवर्जन’ की स्थित है. दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, कलकत्ता, इलाहाबाद और ओडिशा- 6 हाई कोर्ट में कोरोना संकट पर सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने की बेंच ने कहा कि, ‘यह ‘कंफ्यूजन और डायवर्जन’ कर रहा है, एक हाईकोर्ट को लगता है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में प्राथमिकता है, एक को लगता है कि उनका अधिकार क्षेत्र है.इलाहाबाद हाई कोर्ट के लॉकडाउन वाले आदेश का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह नहीं चाहती कि हाई कोर्ट ऐसे आदेश पारित करें. सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा, ‘हम राज्य सरकारों के पास लॉकडाउन की घोषणा करने की शक्ति रखना चाहते हैं, न्यायपालिका द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.’ वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से यह भी पूछा कि क्या वह हाईकोर्ट में कार्यवाही पर रोक लगाएगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार अपनी योजनाओं को हाई कोर्ट में प्रस्तुत कर सकती है, यदि आपके पास ऑक्सीजन के लिए एक राष्ट्रीय योजना है तो निश्चित रूप से हाई कोर्ट इसे देखेगा. उधार लीजिए या चोरी करिए, लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइएइससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था, गिड़गिडाइए, उधार लीजिए या फिर चोरी करिए, लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए, हम मरीजों को मरते नहीं देख सकते. बुधवार को दिल्ली के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत के संबंध में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ये कड़ी टिप्पणी की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज कर रहे दिल्ली के हॉस्पिटल को किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए. हैरानी जताते हुए अदालत ने ये भी कहा कि केंद्र हालात की गंभीरता को क्यों नहीं समझ रहा. अदालत ने नासिक में ऑक्सीजन से हुई मौतों का जिक्र भी किया.दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि उद्योग ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कई दिनों तक इंतजार कर सकते हैं, लेकिन यहां मौजूदा स्थिति बहुत नाजुक और संवेदनशील है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर टाटा कंपनी अपने ऑक्सीजन कोटे को डायवर्ट कर सकती है, तो दूसरे ऐसा क्यों नहीं कर सकते? क्या इंसानियत की कोई जगह नहीं बची है? ये हास्यास्पद है.अदालत ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल की अर्जी पर भी सुनवाई की, जिसने 1400 कोविड मरीज़ो को बचाने के लिए अदालत का रुख किया था. अस्पताल ने दावा किया कि उसके पास पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है. इस पर अदालत ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उनके आदेश पर अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं दी जा रही. Post Views: 113