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सोनभद्र हत्याकांड: पीड़ितों से मिलीं प्रियंका गांधी, गले लगकर रो पड़ीं महिलाएं…

प्रियंका गांधी ने गेस्ट हाउस के बाहर पीड़ित परिवार से मुलाकात की

प्रियंका का 26 घंटे बाद धरना खत्म, कहा- पीड़ितों से मिलने का मेरा मकसद पूरा हुआ

मिर्जापुर, सोनभद्र हत्याकांड को लेकर राजनीति गहमागहमी चरम पर है कोई पीड़ित परिवारों के आंसू पोछने की बात कर रहा है तो कोई इसे राजनीतिक नाटक बता रहा है। शनिवार को पीड़ित परिवार प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने गेस्ट हाउस पहुंचा। सोनभद्र जाने की जिद पर अड़ीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 24 घंटे के धरने के बाद चुनार गेस्ट हाउस के बाहर पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों से मुलाकात की। गेस्ट हाउस के बाहर पीड़ितों ने कहा कि उन्हें गेस्ट हाउस आने से रोका जा रहा है, वे 15 लोग हैं और सिर्फ प्रियंका से मिलने आए हैं जिनमें महिलाएं भी आई हैं। प्रियंका ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, प्रशासन न हमें मिलने दे रहा है और पीड़ित परिवारों को भी यहां आने से रोक रहा है। इसी के साथ वह दोबारा धरने पर बैठ गई हैं।
बता दें कि सोनभद्र जाने की जिद पर अड़ी प्रियंका ने कहा था कि अगर प्रशासन चाहे तो कहीं और भी पीड़ितों को उनसे मिलवा सकता है।
प्रियंका ने कहा, पीड़ितों के सिर्फ दो रिश्तेदारों ने मुझसे मुलाकात की, 15 लोगों को मुझसे मिलने नहीं दिया गया। न ही मुझे उनसे मिलने की अनुमति दी गई। भगवान जाने इनकी मानसिकता क्या है? आप थोड़ा दबाव बनाइए, उन्हें आने दीजिए। मेरे (प्रशासन) पीछे पड़े हैं।
प्रियंका ने कहा, प्रशासन की मानसिकता मेरे समझ से परे हैं। वे लोग इतने दर्द में मुझसे मिलने आए हैं लेकिन प्रशासन न मुझे जाने दे रहा है और न उन्हें आने दे रहा है। जिनसे मिलने मैं आई थीं, उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ रहा है। कुछ लोगों को मिलने से रोका जा रहा है। पीड़ित परिवारों से बात करते हुए प्रियंका भावुक भी हो गईं। प्रियंका ने कहा कि वह धारा 144 का उल्लंघन नहीं करना चाहतीं, फिर भी सरकार उन्हें पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही है।
भूपेश बघेल पहुंच रहे हैं मिर्जापुर…
इससे पहले प्रियंका ने कहा था कि अगर सोनभद्र नहीं जाने दिया जा रहा तो मिर्जापुर या कहीं भी प्रशासन हमें पीड़ित परिवारों से मिलवा दे, लेकिन हम मिले बिना नहीं जाएंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस पहुंच रहे हैं। प्रियंका के समर्थन में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश सिंह बघेल, जितिन प्रसाद और दीपेंद्र हु़ड्डा भी चुनार पहुंच रहे हैं।

आप गाड़ी में ही मुझे बैठाकर ले चलिए…
प्रियंका गांधी ने कहा, जब मुझे रोका गया तो मैंने शुक्रवार को ही कहा था कि मैं धारा 144 का उल्लंघन नहीं करना चाहती हूं और आप गाड़ी में ही मुझे बैठाकर ले चलिए, मैं अपने साथ दो लोगों को ही लेकर सोनभद्र चलने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं पीड़ितों से किसी भी सूरत में मिलना चाहती हूं। मुझे पीड़ितों से मिलना है मिलवा दें। मैं परिवार के सदस्यों से मिले बिना नहीं जाऊंगी। अगर सोनभद्र के बाहर भी मिलवाना चाहे तो मिलवा दें।

क्या इन आंसुओं को पोंछना अपराध है?
प्रियंका ने कहा था कि वह सोनभद्र के बाहर भी पीड़ितों से मिलने के लिए तैयार हैं। प्रियंका ने सरकार से कहा, आप इंतजाम कीजिए मैं कहीं और मिल लेती हूं। 24 घंटे हो चुके हैं। मैं यहां से नहीं जाने वाली जब तक कि हमें सोनभद्र के पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं दिया जायेगा। इससे पहले प्रियंका ने शनिवार सुबह अपने ट्विटर हैंडल से सोनभद्र हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों का विडियो शेयर करते हुए लिखा, क्या इन आंसुओं को पोंछना अपराध है…!

बीजेपी ने कहा- राजनीतिक रोटियां न सेंके प्रियंका
दूसरी ओर बीजेपी ने प्रियंका के धरने को राजनीतिक ड्रामा करार दिया है। यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, श्रीमती वाड्रा को लगता है कि सोनभद्र में टूरिज्म चल रहा है। इसलिए वे घूमने जा रहे हैं। बीएचयू गईं पीड़ित परिवारों से मिलने किसी ने आपको रोका नहीं लेकिन यहां पर धारा 144 लगाया है और अगर आप शांति भंग करने जाएंगी तो कोई सरकार अनुमति नहीं देगी।
सन-1955 में आपकी सरकार ने वनवासियों की जमीनें बेची, सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आगे कहा, जो प्रशासन है अपना काम किया, आप दखलअंदाजी करेंगे, रोटियां सेकेंगे, रोड पर लेट जाएंगे तो इससे चुनाव में जो हार मिली है उस पर कोई लाभ नहीं मिलेगा। 1955 में आपकी ही (कांग्रेस) सरकार थी और आपने यही वनवासियों की जमीन बेच दी थी इसलिए इतने भू-माफिया पैदा हो गए हैं जिनका हम निस्तारण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज ये रेकॉर्ड सामने आ रहे हैं। उस समय इतने आदिवासियों की जमीनें बेची गईं जिससे विवाद हो रहा है।

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