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स्वतंत्रता दिवस पर सीएम केजरीवाल ने बताया भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने का प्लान!

नयी दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को विश्वगुरु बनाने का अपना प्लान बताया। उन्होंने कहा कि अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो लोगों को सद्भाव के साथ रहना होगा। 140 करोड़ लोगों को एक टीम की तरह रहना होगा। सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा होनी चाहिए। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हों। बिजली कटौती न हो। जीएसटी का ढांचा जटिल है जिसे आसान बनाया जाए ताकि व्यापारी जीएसटी पर कम, उद्योग पर ज्यादा ध्यान लगाएं।
सीएम केजरीवाल ने उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान दिल्ली और देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने दिल्ली में हाल में आए सैलाब का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र की मदद से दिल्ली सरकार और लोगों ने मिलकर इस प्राकृतिक आपदा का सामना किया। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने मणिपुर में हुई घटनाओं पर दु:ख जताया।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, मैं आज थोड़ा उदास हूं। मणिपुर जल रहा है, दो समुदायों के लोग एक दूसरे के लोगों को मार रहे हैं। हरियाणा में भी एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय से लड़ रहे हैं। अगर हम आपस में ही लड़ते रहेंगे तो हम विश्वगुरु कैसे बनेंगे? यदि हमें विश्वगुरु और शीर्ष देश बनना है तो हमें एक परिवार की तरह रहना होगा। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के 150 छात्रों को दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित स्कूलों में प्रवेश दिया गया।

केजरीवाल ने देश के अन्य हिस्सों में बिजली कटौती का जिक्र करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक कटौती होने पर भारत ‘विश्वगुरु’ नहीं बन सकता। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास 4.25 लाख मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए पर्याप्त बिजली संयंत्र हैं, हमारी अधिकतम मांग दो लाख मेगावाट है, इसके बावजूद बिजली कटौती होती है। बिजली कटौती कुप्रबंधन और दूरदर्शिता की कमी के कारण होती है। दिल्ली में कोई बिजली कटौती नहीं है और यहां चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति होती है। अगर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन समाप्त हो जाए तो तीन से चार साल में देश में चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।

उन्होंने देश में सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत पर अफसोस जताते हुए कहा कि जब तक हर बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी, देश ‘विश्वगुरु’ नहीं बन सकता। उन्होंने कहा, मैंने हिसाब लगाया है कि 5 साल में देश के 10 लाख सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए 6 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। हर साल 1.20 लाख करोड़ रुपये का खर्च भारत जैसे देश के लिए कुछ भी नहीं है। देश में 17 करोड़ बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है और सभी सरकारें इस समय यह राशि खर्च कर रही हैं।
केजरीवाल ने कहा कि लोगों को तमाम तरह की नि:शुल्क सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई लोग उनका मजाक उड़ाते हैं और उनकी आलोचना करते हैं।
उन्होंने कहा, मैं लोगों के सामने दो विकल्प रख रहा हूं। अगर हम लोगों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देते हैं, तो इसकी लागत केवल 1.5 लाख करोड़ रुपये होगी। क्या लोगों को मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए या करोड़ों रुपए के चार मालिकों का ऋण माफ किया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि अगर गरीब व्यक्ति के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले तो हर व्यक्ति अमीर बन सकता है।