उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य

हाथरस कांड के बाद योगी सरकार ने पत्र लिखकर हाईकोर्ट से लगाई गुहार, जल्द सजा पाएं बेटियों के गुनहगार

लखनऊ: महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ का संदेश देना चाहती है। हाथरस कांड को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को संवेदनशीलता की नसीहत दी है।
वहीं, न्यायालय में लंबित पॉक्सो एक्ट संबंधी मामलों में भी प्राथमिकता से फैसला कराने का अनुरोध सरकार ने उच्च न्यायालय से किया है। हाथरस कांड के बाद मुख्यमंत्री ने लगातार पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि महिला-बेटियों से जुड़े अपराध के मामलों में कतई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसी बीच समीक्षा में सामने आया है कि प्रदेश की विभिन्न अदालतों में दुष्कर्म से जुड़े बीस हजार से अधिक मामले लंबित हैं। ऐसे में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उच्च न्यायालय के महानिबंधक को पत्र भेजा गया है। इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार 17 से 25 अक्टूबर तक महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है। सरकार चाहती है कि महिला व बाल अपराधों से जुड़े मुकदमों का निपटारा जल्द कराया जाए।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पत्र में यह भी कहा है कि सरकार ने जांच एजेंसियों, अभियोजन एवं न्यायालय द्वारा निर्णीत वादों की समीक्षा की है। इस वर्ष एक जनवरी से 30 सितंबर तक कोरोना महामारी से न्यायिक प्रक्रिया बाधित होने के बावजूद प्रदेश में कुल 1835 महिला अपराधों से संबंधित वादों का निपटारा किया गया और इनमें से 612 मामलों में अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है।
पॉक्सो अधिनियम के कुल 151 मामलों में सजा कराई गई है। इसी अवधि में दुष्कर्म के 57 मामलों में अभियुक्तों को दस वर्ष या उम्रकैद से दंडित किया गया है। सरकार ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि सभी न्यायालयों में पॉक्सो एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके लिए सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देश जारी किए जाएं।