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23 जनवरी को बालासाहेब ठाकरे की प्रतिमा का अनावरण, एक मंच पर होंगे उद्धव-राज! शरद पवार-फडणवीस भी रहेंगे मौजूद

मुंबई: बालासाहेब ठाकरे की जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को उनकी प्रतिमा का कोलाबा में अनावरण किया जाएगा। बीएमसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा चीफ शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे सहित कई अन्य नेता मौजूद रहेंगे। यह जानकारी मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर ने दी।
पेडणेकर ने मंगलवार को दादर स्थित कृष्णकुंज में जाकर राज ठाकरे को कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया। इस दौरान उनके साथ शिवसेना नगरसेवक सचिन पडवल भी उपस्थित थे। उससे पहले पेडणेकर ने मलबार हिल स्थित सागर बंगले पर जाकर विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस को कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था।
23 जनवरी को बालासाहेब की जयंती के अवसर पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक के पास एमजी रोड पर मैजेस्टिक विधायक निवास के सामने प्रतिमा स्थापित की जाएगी। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि अभी कुछ काम बाकी रह गया है, उसे समय से पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमिटी (एमएचसीसी) व अन्य विभागों से प्रतिमा स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है।

9 फुट ऊंची है बालासाहेब की प्रतिमा
बालासाहेब ठाकरे की प्रतिमा प्रबोधन प्रकाशन ने तैयार किया है। यह प्रतिमा 9 फुट ऊंची बारह सौ किलो ब्रॉन्ज से बनाई गई है। प्रतिमा को 14 फुट ऊंचे स्थान पर स्थापित किया जाएगा। इसे शिल्पकार शशिकांत वडके ने बनाया है। प्रतिमा को अभी ढंक दिया गया है क्योंकि कुछ काम बाकी है। स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने कहा कि मुंबई आनेवाले पर्यटकों के लिए बालासाहेब की प्रतिमा एक आकर्षण का केंद्र बनेगी।

इस प्रतिमा के नीचे लिखा है- ‘यहां आए हुए सभी मेरे हिन्दू भाइयों, बहनों और माताओं’।
बालासाहेब ठाकरे अक्सर अपने भाषण की शुरुआत इसी वाक्य से करते थे। यही नहीं बालासाहेब अपने भाषण को जिस वाक्य से खत्म करते थे वो ‘जय हिंद…जय महाराष्ट्र’ भी इसी मूर्ति के नीचे लिखा गया है।

ठाकरे बंधुओं के साथ आने की चर्चा
बालासाहेब ठाकरे से राजनीति ककहरा सीखनेवाले उनके पुत्र उद्धव और भतीजे राज ठाकरे की राहें अब जुदा हैं। इसके बावजूद उनकी प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर दोनों के एक साथ, एक मंच पर आने की पूरी उम्मीद है। राजनीतिक हलकों में बाल ठाकरे की प्रतिमा के अनावरण से ज्यादा दोनों भाइयों के एक मंच पर आने की चर्चा है। दोनों दलों (शिवसेना-मनसे) के कार्यकर्ताओं में इसको लेकर काफी उत्सुकता है।

स्थानीय कर रहे विरोध
वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) और ‘आपली मुंबई’ संस्था के अध्यक्ष सी. राव ने कहा, साल 2019 में भी निवासियों ने विरोध किया था। 2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, सार्वजनिक सड़कों पर मूर्तियों को स्थापित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, उद्घाटन के दिन सड़क को बंद करना होगा। इससे ट्रैफिक की समस्या पैदा होगी। हमारा विरोध राजनीतिक नहीं है बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से है। एक बार मूर्ति को स्थापित करने के बाद, बहुत से लोग वहां सेल्फी लेने के लिए आएंगे।
इस मुद्दे पर शिवसेना के स्थानीय पार्षद यशवंत जाधव ने कहा, बालासाहेब ठाकरे ने मुंबई के लिए महान बलिदान दिए हैं। पहले चुने गए स्थान के साथ कुछ समस्या थी। लेकिन वर्तमान में जिस स्थान को सेलेक्ट किया गया है वह बहुत बड़ा है। इसलिए लोग वहां आसानी से खड़े हो सकते हैं। प्रतिमा के लिए सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली गई हैं। मुंबईकर प्रतिमा के विरोध में नहीं हैं। जो लोग विरोध कर रहे हैं वे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ऐसा कर रहे हैं।