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3 साल तक चेतावनी के बाद भी सोती रही बीएमसी, हादसे के बाद टूटी नींद!

मुंबई: बीएमसी (BMC) की लापरवाहियों के कई किस्से आपने देखे और सुने होंगे। घाटकोपर इलाके का ऐसा ही एक वाकया सामने आया है, जिसे जानकर आपको हैरानी होगी लेकिन ये सच है कि बीएमसी प्रशासन से लगातार 3 साल तक एक युवक जर्जर सार्वजनिक शौचालय को दुरुस्त करने के लिए मांग करता रहा। अपनी इस मांग के लिए युवक ने दर्जनों पत्र स्थानीय बीएमसी प्रशासन को भेजे थे। लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। आखिरकार जिसका डर सबके मन में था वही घटना हुई और बीते रविवार के दिन घाटकोपर के पारसीवाड़ी इलाके में मौजूद दो मंजिला सार्वजनिक शौचालय की छत का हिस्सा गिर गया। इस दुर्घटना में एक ही परिवार के 2 सदस्य घायल हो गए हैं। अगर बीएमसी ने वक्त रहते शौचालय को दुरुस्त करवाया होता तो शायद यह हादसा नहीं होता।

हादसे के बाद हरकत में आई बीएमसी
एक ही परिवार के 2 सदस्यों के घायल होने के बाद बीएमसी हरकत में आई है। दरअसल यह परिवार इसी दो मंजिला इमारत के शौचालय के ऊपरी हिस्से में बतौर केअर टेकर रहता था। घटना के तुरंत बाद मौके पर बीएमसी, पुलिस विभाग और फायर ब्रिगेड की टीम ने जायजा लिया। बीएमसी ने आखिरकार यह माना है कि शौचालय वाकई में जर्जर है और इसे दुरुस्त करने की जरूरत है।

तीन साल से हो रही है शिकायत
इस जर्जर शौचालय की मरम्मत करवाने के लिए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अनिल यादव बीते 3 सालों से आवाज उठा रहे हैं। इस बाबत उनके द्वारा दर्जनों पत्र लिखने के बाद भीने इस मसले पर कोई ध्यान नहीं दिया था। उन्होंने बताया कि घाटकोपर के वार्ड 129 में घड़ियाल कंपनी, यूपी बेकरी के पास के सार्वजनिक शौचलय की जर्जर छत का हिस्सा गिर गय। जिससे सार्वजनिक शौचालय को संभालने वाले परिवार के दो सदस्यों को चोट आई है। जिसमें से एक महिला है। फिलहाल घायलों को इलाज शुरू है। अनिल यादव ने कहा कि यदि पहले बीएमसी ने ध्यान दिया होता तो यह दुर्घटना नहीं होती। अभी भी अगर इसे समय से दुरुस्त नहीं किया गया तो भविष्य में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। आपको बता दें कि इसके पहले कुर्ला इलाके में भी इसी प्रकार से एक सार्वजनिक शौचालय के ढहने की घटना सामने आई थी।