दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य कोरोना आपदा को आत्मनिर्भर भारत के लिए टर्निंग पॉइंट बनाना है; : PM 11th June 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this पीएम मोदी ने कहा- मुश्किल हालातों ने हर बार भारत के संकल्प को मजबूत किया है… कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के एनुअल प्लेनरी सेशन में इंडस्ट्री के लोगों से बात की। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा को हमें बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट बनाना है। ये टर्निंग पॉइंट है- आत्मनिर्भर भारत।पीएम मोदी ने कहा कि पीपुल, प्लेनेट और प्रॉफिट एक दूसरे से इंटरलिंक हैं। ये तीनों एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। इसे एलईडी बल्ब के उदाहरण से समझ सकते हैं। 5-6 साल पहले एक एलईडी बल्ब 350 रुपए से भी ज्यादा में मिलता था, अब 50 रुपए में भी मिल जाता है। कीमत कम होने से एलईडी बल्ब घर-घर पहुंचे। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट कम हुई और प्रॉफिट भी बढ़ा। आम आदमी का बिजली का बिल कम हुआ है। देशवासियों को हर साल करीब 19 हजार करोड़ रुपए की बचत हो रही है। इसका फायदा प्लेनेट को भी हुआ। सरकारी एजेंसियों ने जितने एलईडी बल्ब बेचे हैं उनकी वजह से चार करोड़ टन कार्बन का उत्सर्जन कम हुआ है। मुसीबत की दवा है मजबूतीमोदी ने कहा कि इस बार आईसीसी का एनुअल सेशन ऐसे समय हुआ है देश के सामने एक साथ कई चैलेंज हैं। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। भारत भी लड़ रहा है, लेकिन दूसरे संकट भी आ रहे हैं। ऐसे में हमारी एकजुटता और इच्छाशक्ति एक राष्ट्र के रूप में बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की एक ही दवाई है- मजबूती। मुश्किल समय ने हर बार भारत के संकल्प (डिटर्मनेशन) को मजबूत किया है। देशवासियों के संकल्प को ऊर्जा दी है। देशवासियों को कई सेक्टर में आत्मनिर्भर नहीं होने का अफसोसआत्मनिर्भरता का भाव सालों से हर भारतीय ने एक एस्परेशन की तरह जिया है। फिर भी मन में रहा है कि काश हम मेडिकल, डिफेंस, कोल-मिनरल और फर्टिलाइजर जैसे सेक्टर में आत्मनिर्भर होते। काश हम इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पैनल, चिप, एविएशन सेक्टर में भी आत्मनिर्भर होते। ऐसे कितने सारे काश हमेशा से हर भारतीयों को झकझोरते रहे हैं। कोरोना संकट से निकला है आत्मनिर्भर अभियानपिछले 5-6 सालों में देश की रीति-नीतियों में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सबसे ऊपर रहा है। कोरोना काल ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान। हम देखते हैं कि परिवार में भी बेटे-बेटी 18-20 साल के हो जाते हैं तो मां-बाप कहते हैं कि अपने पैरों पर खड़े होना सीखो। एक तरह से आत्मनिर्भर भारत का पहला पाठ परिवार से ही शुरू होता है। विदेशी सामान की आदत पर कंट्रोल करना हैआत्मनिर्भर भारत अभियान का सीधा सा मतलब है कि भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम से कम रखे। हर वो चीज जिसे इंपोर्ट करने के लिए देश मजबूर है वो भारत में ही कैसे बने, ये सोचना है। हर वो सामान जो भारत का लघु उद्यमी बनाता है, जो सामान हमारे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े करोड़ों गरीब बनाते हैं, उसे छोड़कर विदेश से वही सामान मंगवाने की आदत पर हमें कंट्रोल करना है। नॉर्थ-ईस्ट ऑर्गेनिक खेती का हब बन सकता हैहमारा मकसद किसानों को मजबूत बनाना है। लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड एप्रोच को भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें सभी के लिए मौके हैं। जिन जिलों में जो चीज पैदा होती है उसके लिए वहीं क्लस्टर बनाए जाएंगे। जैसे पश्चिम बंगाल में जूट प्रोडक्शन को ज्यादा सुविधाएं दी जाएंगी। सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट ऑर्गेनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है। आईसीसी के साथ जुड़े आप सभी व्यापारी ठान लें तो नॉर्थ-ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती एक बड़ा आंदोलन बन सकता है। आप ग्लोबल मार्केट में छा सकते हैं। ICC भी अगले दो साल में 50-100 नए लक्ष्य तय करेमोदी ने कहा कि 5 साल बाद यानी 2025 में आईसीसी अपने 100 साल पूरे करने जा रहा है। वहीं 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। ये आपकी संस्था और सदस्यों के लिए एक बड़ा संकल्प लेने का बेहतरीन समय है। मेरी अपील है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए आईसीसी भी 50-100 नए लक्ष्य तय करे। बंगाल की श्रेष्ठता को फिर जिंदा करना हैमोदी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें फिर से जिंदा करना होगा। हम सुनते आए हैं कि जो बंगाल आज सोचता है दूसरे लोग वह अगले दिन सोचते हैं। ये समय कंजर्वेटिव एप्रोच का नहीं, बल्कि साहसिक फैसलों और निवेश का है। भारत में ग्लोबली डोमेस्टिक सप्लाई चेन तैयार करने का है। सभी स्टेकहोल्डर को संकट से निकालने में मदद करनी है और वैल्यू एडिशन में उन्हें साथ लेकर आगे बढ़ना है। Post Views: 189