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JNU कैंपस में लेफ्ट और ABVP सदस्यों में झड़प, छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष और टीचर को पीटा गया…

नयी दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में आज शाम जमकर बवाल और मारपीट हुई। स्टूडेंट्स यूनियन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच काफी झड़प हुई है। हालांकि लेफ्ट और एबीवीपी ने एक दूसरे को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
बताया जा रहा है कि जेएनयू टीचर्स असोसिएशन ने बढ़ी हुई फीस को लेकर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें हंगामा हो गया। छात्रसंघ ने दावा किया है कि उनकी अध्यक्ष आइशी घोष और कई दूसरे स्टूडेंट्स को ABVP के सदस्यों ने पीटा है। पथराव भी किया गया है। झड़प के दौरान की कुछ तस्वीरें और विडियो भी सामने आए हैं, जिसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष खून से लथपथ दिखाई दे रही हैं। एक टीचर को भी गंभीर चोट आई है। इस बीच, जेएनयू प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बुला ली है। रजिस्ट्रार ने बयान जारी कर कहा है कि हालात को संभालने के प्रयास जारी हैं।

ABVP ने कहा, लेफ्ट के 400 लोग छात्रावास में घुसे
एबीवीपी के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि जेएनयू के पेरियार छात्रावास के छात्रों को वामपंथी छात्रों ने पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने कहा, करीब चार से पांच सौ लेफ्ट के लोग पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा।
एबीवीपी ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ को बुरी तरह से घायल किया गया है और शायद मारपीट के बाद उनका हाथ टूट गया है। दुर्गेश ने आगे कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए, जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोट आई हैं। उन्होंने कहा, अंदर मौजूद छात्रों पर उन्होंने पत्थर और डंडे बरसाए। इस बीच एबीवीपी ने कहा है कि उन्होंने फैसला किया है कि जैसे ही घायल हुए उनके साथी प्राथमिक उपचार के बाद लौटेंगे वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।

अध्यक्ष को एबीवीपी के लोगों ने पीटा: लेफ्ट
हालांकि, वामपंथी छात्रों के नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू ने दावे को तुरंत खारिज करते हुए कहा कि एबीवीपी और प्रशासन झूठी कहानी फैलाने में लगे हुए हैं। जेएनयूएसयू के महासचिव सतीश चंद्र ने कहा, एबीवीपी और प्रशासन बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों के प्रदर्शन को निशाना बना रहे हैं। यह और कुछ नहीं छात्रों और समाज को गुमराह करने के लिए लगाए जा रहे झूठे आरोप हैं।

मास्क लगाकर घुसे लड़के, लाठी से पीटा
छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी ने मीडिया को बताया, मुझ पर बड़ी क्रूरता के साथ मास्क पहने गुंडों ने हमला किया। मेरा खून बह रहा है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेफ्ट की छात्र ईकाई के कार्यकर्ता और जेएनयू के टीचर्स फीस वृद्धि के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान मारपीट हुई है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में मास्क लगाकर लड़के घुसे और उन्होंने लाठी से हमला किया। इस दौरान टीचर्स पर भी हमला किया गया है और वहां मौजूद कारों को भी तोड़ा-फोड़ा गया है। कुछ तस्वीरों में लड़कियां भी हाथ में डंडे और चेहरे पर नकाब लगाए दिख रही हैं।

फैकल्टी सुचरिता सेन के सिर में चोट, एम्स में भर्ती
हमले में जेएनयू के CSRD की फैकल्टी सुचरिता सेन को सिर में गंभीर चोट लगी है। उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। आइशी घोष को भी अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। उधर, बॉलिवुड अभिनेत्री और जेएनयू की पूर्व स्टूडेंट्स स्वरा भाष्कर ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए पूछा है कि यूनिवर्सिटी में यह सब क्या चल रहा है।

एबीवीपी ने किया विडियो ट्वीट
जेएनयू में बवाल पर एबीवीपी ने भी ट्वीट कर वामपंथियों पर हमला बोला है। राष्ट्रीय महासचिव निधि त्रिपाठी ने विडियो संदेश में कहा, महीनों से जेएनयू कैंपस में लगातार वामपंथी गिरोह, जो नक्सली गिरोह है, इनके माध्यम से शिक्षण कार्य को बाधित किया गया। पहले क्लास लेने से रोका, पेपर देने से रोका और रजिस्ट्रेशन करने से रोक रहे थे। आज जब छात्र रजिस्ट्रेशन के लिए सामने आए तो वामपंथी गिरोह ने हॉस्टल में घुस-घुसकर लाठी, डंडे, रॉड से मारा। ये वही लोग हैं जो नहीं चाहते कि जेएनयू कैंपस कभी सामान्य स्थिति में आ सके।

CM केजरीवाल का ट्वीट- पुलिस फौरन रोके हिंसा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि जेएनयू में हिंसा की खबर से हैरान हूं। स्टूडेंट्स पर हमला किया गया है। पुलिस को फौरन हिंसा रोकनी चाहिए और शांति कायम करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया, अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय कैंपस में सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।

बता दें कि शुक्रवार को कथित रूप से कुछ स्टूडेंट्स मास्क लगाकर सेंटर फॉर इन्फॉर्मेेशन के ऑफिस में घुस गए थे और सरवर में गड़बड़ी पैदा कर दी थी जिससे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में स्टूडेंट्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।