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Lok Sabha Security Breach: संसद हमले की 22वीं बरसी के दिन सदन की सुरक्षा में भारी चूक!

लातूर: लातूर पुलिस की एक टीम ने बुधवार दोपहर को नई दिल्ली में संसद भवन में बड़े पैमाने पर सुरक्षा में सेंध लगाकर सनसनीखेज भय पैदा करने वाले चार लोगों में से एक अमोल शिंदे के घर पर छापा मारा। जैसे ही यह पुष्टि हुई कि चार प्रदर्शनकारियों में से एक, 25 वर्षीय अमोल शिंदे, जो संसद के बाहर हाथों में आग की लपटें लेकर प्रदर्शन करते हुए पकड़ा गया था, लातूर के जरी गांव का रहने वाला है। स्थानीय पुलिस उसके घर पहुंची और उसके माता-पिता से पूछताछ की व तलाशी ली। वहीं, एक आरोपी सागर शर्मा लखनऊ के रामनगर में रहता है और ऑटो रिक्शा चलता है और घर से यह कहकर दिल्ली गया था कि धरना-प्रदर्शन करने जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने उसके घर, अलमारियों और दस्तावेजों व फर्नीचर समेत अन्य सबूतों की तलाशी ली, ताकि संसद की घटना से संबंधित कोई सुराग मिल सके। अमोल शिंदे के घर पर चल रहे सुरक्षा अभियान को देखने के लिए के घर के बाहर जिज्ञासु पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई। उसके घर को कुछ मीटर की दूरी तक घेर लिया गया था। जाहिर तौर पर सदमे में आए आरोपी युवक के पिता और मां ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा अमोल दो हफ्ते पहले यह कहकर घर से निकला था कि वह दिल्ली जा रहा है। हालांकि, उसने अपनी यात्रा के संबंध में कोई और जानकारी नहीं दी थी।दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अमोल शिंदे का इरादा जानने के लिए उसके दोस्तों, रिश्तेदारों या परिचितों, किसी आपराधिक इतिहास, किसी राष्ट्र-विरोधी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंधों या किसी राजनेता और राजनीतिक संगठनों के साथ उसके संबंधों के बारे में पुलिस जानकारी जुटाने में लगी है।

महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर की सुरक्षा बढ़ाई गई
संसद पर हुए ‘हमले’ के तुरंत बाद नागपुर पुलिस ने विधानमंडल परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां इस समय शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस करतूत में महाराष्ट्र के लातूर का अमोल शिंदे नामक एक व्यक्ति भी शामिल है। इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है।
तत्काल उपाय के रूप में परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए, परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच और तलाशी तेज कर दी गई और विधानमंडल के आसपास की सड़कों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

विधानमंडल परिसर के अलावा, इसी तरह के सुरक्षा उपाय अन्य संवेदनशील स्थानों, सरकारी कार्यालयों, घरों या सत्तापक्ष और विपक्ष के शीर्ष वीआईपी और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों के कार्यालयों में लागू किए जाने की संभावना है, न केवल नागपुर में, बल्कि मुंबई, पुणे, छत्रपति संभाजीनगर और अन्य महत्वपूर्ण शहरों में भी।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, जिनके पास गृह विभाग है, ने पुलिस महानिदेशक रजनीश शेठ को फोन किया और उन्हें लातूर के जरी गांव के एक आरोपी अमोल शिंदे की पृष्ठभूमि की जांच करने का निर्देश दिया, जिसे दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में पकड़ा है।
लातूर पुलिस की दो टीमों ने 25 वर्षीय शिंदे के घर पर गहन छापेमारी कर उसकी पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी है। शिंदे की पृष्ठभूमि के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। वह इस समय दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। उसके इरादे, दोस्त, रिश्तेदार या परिचित, कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड, किसी संदिग्ध समूह या संगठन, राजनीतिक या गैर-राजनीतिक संगठन के साथ उसके संभावित संबंध की पड़ताल की जा रही है।

बता दें कि बुधवार को आतंकी हमले की 22वीं बरसी की याद में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के कार्यवाही के बीच सदन के अंदर दो लोग कूद गए और स्मोक कैंडल जलाई। जिससे सदन के अंदर अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। सदन को 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हिरासत में लिए गए दो आरोपियों में से एक महिला है।

इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कहा कि, संसद भवन की सुरक्षा में चूक का मामला बेहद गंभीर है। इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ जाती है जब यह पता चलता है कि संसद में दहशत मचाने वालों के पास बीजेपी सांसद ने जारी कराये थे, क्या अब देश को सत्तारूढ़ दल से भी खतरा है?

लोकसभा में सुरक्षा चूक पर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा कि आज संसद हमले की बरसी है और आज फिर कोई संसद भवन के अंदर घुस गया। क्या वाकई में देश सुरक्षित हाथों में है? कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के. के. मिश्रा ने कहा कि आज संसद भवन में घटित घटना…देश सुरक्षित हाथों में है, का पूर्ण आभास करा रही है।

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में सुरक्षा चूक की घटना पर कहा- दो युवक गैलरी से कूद गए और उनके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी। उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला। सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा उल्लंघन है क्योंकि आज ही हमने 2001 (संसद हमले) में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों की पुण्य तिथि मनाई है।

संसद के बाहर आकर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा- अचानक करीब 20 साल के दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़े और उनके हाथ में स्मोक कैंडल थे। जिससे पीला धुआं निकल रहा था। उनमें से एक अध्यक्ष की कुर्सी की ओर भागने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कुछ नारे लगाए। धुआं जहरीला हो सकता था। यह सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था।

इस मामले में दिल्ली पुलिस का कहना है कि, मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ जारी है। इन दोनों आरोपियों को अंदर आने की परमिशन किसने दी इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा संसद के बाहर ट्रांसपोर्ट भवन के सामने रंग गुलाल लगाकर प्रदर्शन कर रहे दो लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया और संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई।

लोकसभा में विपक्ष ने संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था भंग होने के मुद्दे पर बुधवार को मध्यावकाश के बाद जबरदस्त हंगामा किया और पूछा- ‘यदि संसद भवन सुरक्षित नहीं है तो सुरक्षाकर्मी करते क्या हैं?’ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

खड़गे ने की सदन को स्थगित करने की मांग
कांग्रेस विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन को स्थगित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दें। इस पर केंद्रीय मंत्री और सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि, हमें यह संदेश देना चाहिए कि इस देश की ताकत इन सब से ऊपर है।
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा- विपक्ष का जो रवैया है…मुझे लगता है हमें देश को एक सन्देश देना चाहिए। लोकसभा में भी सदन को चलने नहीं दिया गया। राज्यसभा उच्च सदन है। हमें यह संदेश देना चाहिए कि इस देश की ताकत इन सब से ऊपर है। सदन की कार्यवाही जारी रहनी चाहिए…हम सभी सदन के चलने के पक्ष में हैं। मुझे लगता है कि, कांग्रेस इसका राजनीतिकरण कर रही है और यह देश के लिए अच्छा संदेश नहीं है। जांच जारी है हमें इसका इन्तजार करना चाहिए।

गौरतलब है कि आज के ही दिन लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद भवन पर आंतकियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर हमले की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसमें 9 लोग शहीद हो गए थे। 13 दिसंबर 2001 को हमारे पराक्रमी जवानों ने आतंक का मुंहतोड़ जवाब देते हुए देश की संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को विफल कर दिया था। उनके साहस, शौर्य और समर्पण का ये देश सदैव ऋणी रहेगा। मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी जवानों को नेताओं ने याद करते हुए श्रद्धांजलि दी!

पीले रंग का धुआं चिंता का विषय नहीं, घटना में शामिल लोगों को पकड़ लिया गया है…
सदन में सुरक्षा चूक मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने बयान में कहा- ”शून्यकाल के दौरान हुई घटना की लोकसभा अपने स्तर पर संपूर्ण जांच कर रही है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस को भी जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं। दोनों शख्स ने जो पीले रंग का धुआं फैलाया उसमें कोई खतरनाक चीज नहीं थी। प्राथमिक जांच के अनुसार यह सिर्फ साधारण धुआं था इसलिए यह धुआं चिंता का विषय नहीं है।”
दिल्ली की एंटी टेरर यूनिट मामले की जांच कर रही है। घटना में शामिल दो लोगों को पकड़ लिया गया है। उनके पास जो भी सामग्री थी उसे जब्त कर लिया गया है। पूरी जांच के बाद ही तस्वीर साफ होगी।