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UP हत्याकांड: पीड़ित परिवार से मिलने सोनभद्र जा रहीं प्रियंका को प्रशासन ने रोका, धरने पर बैठीं तो पुलिस उन्हें गेस्ट हाउस ले गई

स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी

सोनभद्र, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उस वक्त ‘गैरकानूनी रूप से गिरफ्तार’ किया गया जब वह सोनभद्र जिले में हुए खूनी संघर्ष के पीड़ितों से मिलने जा रही थीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘सत्ता का मनमाना इस्तेमाल’ उनकी बढ़ती असुरक्षा को उजागर करता है।
बता दें कि कांग्रेस महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी को शुक्रवार को सोनभद्र की तरफ जाने से रोक दिया गया जहां वह संघर्ष में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारवालों और घायलों से मिलने जा रही थीं। इस पर वह स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ धरने पर बैठ गईं जिसके बाद उन्हें अधिकारियों द्वारा एक अतिथि गृह ले जाया गया। कांग्रेस का दावा है कि प्रियंका गांधी को पुलिस हिरासत में लिया गया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, सोनभद्र में प्रियंका की गैरकानूनी गिरफ्तारी परेशान करने वाली है। वह उन 10 आदिवासियों के परिवारों से मिलने जा रही थीं जिनकी अपनी जमीन छोड़ने से इनकार करने पर निर्मम हत्या कर दी गई। उन्हें रोकने के लिए सत्ता का मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया गया है। इससे बीजेपी सरकार की बढ़ती असुरक्षा का पता चलता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और इस कार्रवाई को ‘लोकतंत्र को कुचलने’ जैसा करार दिया। कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोकने पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्रवाई लोकतंत्र का ‘खुलेआम अपमान’ है। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा प्रियंका गांधी जी को सोनभद्र जाने से रोकना खुलेआम लोकतंत्र का अपमान है। पीड़ित परिवार से मिलना और संवेदना व्यक्त करना हर जनप्रतिनिधि का प्रथम कर्तव्य है, ऐसे में सरकार ने लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया है जो अत्यंत निंदनीय है।’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘अपराध प्रदेश’ बना दिया है। उन्होंने एक ट्वीट कर पूछा, ‘क्या श्रीमती प्रियंका गांधी को गिरफ़्तार कर, चुनार में नज़रबंद कर, सोनभद्र के आदिवासी परिवार के 10 सदस्यों की हत्या पर पर्दा डाल पाएगी आदित्यनाथ सरकार?’ गौरतलब है कि बुधवार को सोनभद्र में जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर दूसरे पक्ष पर फायरिंग कर दी जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

देश में अपराधियों के हौसले बुलंद: प्रियंका
सोनभद्र जाते वक्त प्रियंका के काफिले को वाराणसी सीमा के भीतर रोक लिया गया। इसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गईं। प्रियंका ने इससे पहले ट्रॉमा सेंटर से निकलते समय मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था बहुत खराब है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, लेकिन पूरा सरकारी अमला सो रहा है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या उत्तर प्रदेश ऐसे अपराधमुक्त बनेगा?

प्रियंका गांधी ने CM योगी को लिखा था पत्र…
इससे पहले गुरुवार को प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि मैं राज्य के अपने दौरे के दौरान सुरक्षा इंतजाम की सराहना करती हूं। लेकिन, इन सुरक्षा इंतजाम के कारण जनता को होने वाली परेशानी से दुखी हूं। जनता का सेवक होने के नाते मेरे कारण किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसे में प्रदेश में यात्रा के दौरान सुरक्षा का दायरा कम से कम रखा जाए, ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

प्रियंका ने चुनार गेस्ट हाउस से कहा कि वह पीड़ित परिवारों से मिले बिना नहीं जाएंगी। बता दें कि प्रियंका को मिर्जापुर के नारायण पुर चौकी के पास रोका गया था। जहां से उन्हें हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस लाया गया। प्रियंका ने गेस्ट हाउस से ही मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यहां गिरफ्तार करके लाया गया है। वहां सोनभद्र में जो लोग अपना अधिकार मांग रहे थे, उनकी हत्या कर दी गई। गांव वालों की जमीन पर कब्जा करने आए थे, जिन जमीन को उन्होंने बरसों से सहेजा था, वहां कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर कब्जा करने आ गए। जब गांववालों ने रोकने की कोशिश की तो 10 लोगों की हत्या कर दी गईं। उसमें तीन महिलाएं भी हैं।

प्रियंका ने आगे कहा, ‘मैं अभी अस्पताल से आ रही हूं। वहां 6 लोग भर्ती हैं। एक 17 साल का बच्चा भी है उसे पेट में गोली लगी है। उसकी मां के सिर पर ईंट मारी गई, लाठी से हाथ तोड़ा गया। ये है उत्तर प्रदेश की स्थिति। जब मैं मिलने जा रही थी तो मुझे रोक दिया गया। मुझे मिर्जापुर जाने की इजाजत नहीं दी गई जबकि वहां धारा 144 लागू भी नहीं है। मैंने कहा- ऑर्डर दिखाइए, तो उनके पास ऑर्डर नहीं था।
प्रियंका ने आगे कहा, मैंने बोला भी कि मैं सोनभद्र में लागू धारा 144 का उल्लंघन नहीं करूंगी। 3 लोगों को ही लेकर जाऊंगी। मैं पीड़ितों से मिले बिना नहीं जा सकती क्योंकि उन्हें लगना चाहिए कि वह अकेले नहीं हैं। मैं यहीं पर इंतजार करूंगी मेरी इच्छा है कि जब तक पीड़ित परिवार से नहीं मिलूंगी नहीं जााऊंगी। उधर, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस पूरे विवाद के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल के दौरान वनवासियों की जमीन को एक सोसायटी के नाम कर दिया गया। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि एक तीन सदस्‍यीय जांच कमिटी बनाई गई है जो 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती लोगों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली और फिर सोनभद्र में उम्भा गांव जाने का फैसला किया।