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एक हफ्ते से भूखी थी बाघिन अवनि, अब शावकों को बचाने में जुटा वन विभाग

मुंबई , बाघिन अवनि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद पता चला है कि उसने एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से कुछ भी खाया नहीं था। वन विभाग के अधिकारियों को आशंका है कि उसके शावक (बच्चे) भी भूख की वजह से मौत के मुंह में जा सकते हैं। इसको देखते हुए वन विभाग के 100 अधिकारियों को उनकी तलाश में तुरंत लगाया गया है जिससे उनकी जिंदगी बचाई जा सके। हालांकि वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि शावकों का बचना काफी मुश्किल है। इस बीच जहां अवनि को गोली मारी गई थी, वहां से त्वचा और मांसपेशियों के सैंपल लेकर केमिकल और बैलिस्टिक जांच के लिए रीजनल फरेंसिक लैबरेटरी भेजा गया है। अवनि की बाईं जांघ से निकाली गई नीडल की उसकी मांसपेशियों के साथ जांच की जाएगी। इसके जरिए यह जानने की कोशिश की जाएगी कि बाघिन को मारने से पहले जाइलाजीन, कीटामीन या कोई दूसरी बेहोशी की दवा का तो इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसके साथ ही यूरिन, हार्ट, ब्लड, मृत शरीर से निकाली गईं दो गोलियां, हड्डी, गोली लगने वाली जगह से मांसपेशियों के टुकड़ों और टूटी हुई पसली के टुकड़ों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। इस बीच शूटर असगर अली के पिता शफात अली खान ने अपने बेटे को अपराधी और हत्या के केस में संदिग्ध कहने पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी इस मामले में एक सनसनीखेज दावा किया था। ठाकरे का आरोप है कि यवतमाल में उद्योगपति अनिल अंबानी के एक प्रस्तावित प्रॉजेक्ट को बचाने के लिए बीजेपी की अगुआई वाली सरकार ने मारने का फैसला लिया। हालांकि अनिल अंबानी ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यवतमाल जिले में उनके समूह का कोई प्रॉजेक्ट नहीं है। वहीं, यवतमाल जिले के एक अधिकारी ने कहा कि अंबानी ग्रुप का प्रस्तावित प्रॉजेक्ट उस जगह से काफी दूर है , जहां अवनि को गोली मारी गई थी।