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महाराष्ट्र: तीन दिन में CM फडणवीस हुए सरेंडर, शिवसेना को कोसते हुए दिया इस्तीफा…

मुंबई, (राजेश जायसवाल): शनिवार की ही तरह महाराष्ट्र में फिर एक घटना घटी जब मंगलवार को तीन दिन पहले सीएम बने देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार के इस्‍तीफे के बाद फडणवीस ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफा दिया।
महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सीधे राजभवन पहुंचे और राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज ही बुधवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने उसका इंतजार किए बगैर ही इस्तीफा दे दिया है। देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के सामने इस्तीफे की घोषणा करने के बाद राजभवन जाकर राज्‍यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। फडणवीस से पहले डेप्युटी सीएम अजित पवार ने भी इस्तीफा दे दिया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने फडणवीस से पूछा कि क्या अजित पवार से समर्थन लेने का फैसला गलत था तो उन्होंने कहा कि गलती हुई या नहीं, यह हम बाद में सोचेंगे। उन्होंने कहा, देखिए, चुनाव में वह चुनकर आए और एनसीपी ने उनको (अजित पवार) गुट नेता (विधायक दल का नेता) बनाया। अब सरकार बनाने के लिए गुट नेता की बात तो सुननी पड़ती है न? गलती हुई या नहीं, ये बाद में सोचेंगे। माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को यह लग रहा था कि वे फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे और इसके चलते दोनों ने पद से इस्तीफा दे दिया।

फडणवीस ने ट्विटर बायो में लिखा केयरटेकर सीएम
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंपने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्यपाल ने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक कार्यवाहक सीएम बने रहने के लिए कहा है। जिसके बाद फडणवीस ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपना बायो अपडेट करते हुए महाराष्ट्र का केयरटेकर चीफ मिनिस्टर लिखा है।

तीन पहिये की सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी: फडणवीस
प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। फडणवीस ने कहा कि बीजेपी खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होगी और जवाबदेह विपक्ष के तौर पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी विपक्ष के रूप में जनता की आवाज बनेगी। फडणवीस ने कहा कि जो भी सरकार बनाएगा, उसे शुभकामनाएं। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि तीन पहियों वाली सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी क्योंकि सभी पहियों की दिशाएं अलग-अलग होंगी, उनकी विचारधाराएं अलग-अलग हैं। इस्तीफे का ऐलान करने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने सूबे में अस्थिरता का ठीकरा शिवसेना पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया था और हमें जनता ने 105 सीटें देकर ज्यादा समर्थन दिया। लेकिन, शिवसेना ने यह देखते हुए कि उसके बगैर सरकार नहीं बन सकती है तो वह सीएम की मांग पर अड़ गई, जबकि ऐसी कोई बात तय नहीं हुई थी। शिवसेना ने सरकार गठन के लिए हमसे बात करने की बजाय एनसीपी से बात की। यही नहीं, शिवसेना पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जिनके बारे में हमने सुना था कि वे मातोश्री से बाहर नहीं निकले, वे निकल-निकलकर तमाम लोगों से मिल रहे थे।

मैं महाराष्‍ट्र की जनता का बड़ा आभार मानता हूं। साथ ही, सभी सहयोगी पार्टियों का भी आभारी हूं। मैं पीएम मोदी, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह का आभारी मानता हूं, जिन्‍होंने मुझ पर विश्‍वास किया। विरोधी राजनीतिक दल भी हमारा दुश्‍मन नहीं हैं, उनका भी आभार।

162 विधायकों की परेड से विपक्ष ने दिखाया अपना दम
भतीजे अजित पवार के शपथ के कुछ ही कुछ घंटों बाद शरद पवार ने शिवसेना के चीफ उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपने पास नंबर होने का दावा किया। शनिवार शाम तक ही शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के साथ माने जा रहे उन करीब एक दर्जन विधायकों में से आधे लोगों को अपने खेमे में बुला लिया था। इसके अलावा, सोमवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने जब मुंबई के एक होटल में 162 विधायकों की परेड कराई तो अजित पवार को छोड़ कर एनसीपी के सभी विधायक मौजूद थे।

अजित को मनाने में जुटे हुए थे परिवार-पार्टी
अजित पवार ने भले ही शनिवार को डेप्युटी सीएम की शपथ लेकर एनसीपी को झटका दिया था, लेकिन शरद पवार और परिवार के अन्य लोग उनसे लगातार वापसी की अपील करते रहे। एक तरफ शरद पवार अपने विधायकों को एकजुट कर रहे थे तो दूसरी तरफ अजित पवार से मिलने के लिए दूत भी भेज रहे थे। कहा जा रहा है कि मंगलवार को शरद पवार की पत्नी और सुप्रिया सुले के पति सदानंद ने अजित पवार से बात की और उन्हें वापसी के लिए राजी किया।

सुप्रीम कोर्ट के ऐलान ने पलटा पासा
सुप्रीम कोर्ट के ऐलान के बाद ही माना जा रहा था कि अब देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के लिए बहुमत साबित बेहद कठिन होगा। दोनों नेताओं की मुश्किलों में आखिरी कील ठोंकने का काम सुप्रीम कोर्ट ने किया, जब उसने बुधवार को ही फ्लोर टेस्ट का आदेश दे दिया। शीर्ष अदालत के फैसले के कुछ देर बाद ही अजित पवार ने सीएम को इस्तीफा दे दिया और फिर छोटे पवार के दम पर सरकार बनाने वाले देवेंद्र फडणवीस ने सरेंडर कर दिया। इस तरह महाराष्ट्र में शनिवार से शुरू हुए नाटकीय घटनाक्रम का इस्तीफों के साथ पटाक्षेप हो गया।