उत्तर प्रदेशमुंबई शहर

बुलंदशहर हिंसा पर शिवसेना का बीजेपी पर तंज

मुंबई , बुलंदशहर में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को शिवसेना ने अपने गठबंधन सहयोगी बीजेपी निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या यह 2019 चुनावों से पहले धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास है। शिवसेना ने बेहद व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि गोमांस और गो हत्या जैसे मुद्दे गोवा, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भी हैं क्योंकि वहां तो खुलेआम गोमांस खाया जाता है।

पार्टी ने कहा कि इसके बावजूद उन राज्यों में कभी उत्पात नहीं मचा या मॉब लिंचिंग जैसा मामला नहीं हुआ। शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा कि यह इसलिए क्योंकि उन राज्यों में लोकसभा की इक्का-दुक्का सीटें हैं।
शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कहा है कि 2014 में उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटें जीतने के कारण ही केंद्र में बीजेपी की बहुमतवाली सरकार बन सकी। पार्टी ने सामना में लिखा, ‘मगर 2019 में उसकी पुनरावृत्ति होने की संभावना नहीं। ऊपर से सारे विरोधी एक हो गए तो बीजेपी की हार हो सकती है, यह बात कैराना लोकसभा उपचुनाव ने स्पष्ट कर दी है। ऐसे में 2014 के चुनाव से पहले जिस तरह मुजफ्फरनगर और बीच के दिनों में ‘कैराना’ कराया गया, वैसा अब बुलंदशहर में कराया जा रहा है क्या?’ बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में अगस्त-सितंबर 2013 में हुई हिंसा में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे जबकि 40,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे।

80 सीटें हैं गेम चेंजर :
सामना में शिवसेना ने सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश की 80 सीटें 2019 में भी बीजेपी के लिए गेम चेंजर होनेवाली हैं। उसी के लिए गो त्या का संशय पिशाच लोगों की गर्दन पर बैठाकर धार्मिक उन्माद का और वोटों के ध्रुवीकरण का वही रक्तरंजित पैटर्न फिर से चलाने की कोशिश शुरू की है क्या?

शिवसेना का बीजेपी पर गंभीर आरोप :
शिवसेना ने कहा कि जिस सुबोध कुमार सिंह नामक पुलिस अधिकारी की इस हिंसा में बलि चढ़ी है, उसके भाई और बहनों ने कई आरोप लगाए हैं। 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में हुई अखलाक की हत्या की तफ्तीश उन्होंने ही की थी। शिवसेना ने सवाल किया, ‘बुलंदशहर में गोहत्या की आशंका के चलते जो हिंसा हुई, उसमें भी ऐसा ही कुछ हुआ है क्या?’