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अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा गया!

संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने पर किये गए गिरफ्तार…

नयी दिल्ली/महाराष्ट्र: पुलिसवालों के जरिये मुंबई के बियर बार व रेस्टोरेंट से 100 करोड़ की वसूली कराने के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को सोमवार की देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। मनी लांड्रिंग के आरोपों से घिरे देशमुख को ईडी ने 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया। देशमुख सोमवार को अपने वकील के साथ दिन में ही 11.50 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष हाजिर हुए और उनसे आधी रात के बाद तक पूछताछ का क्रम चलता रहा। अनिल देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह ने कहा, हमने मामले से जुड़े मामले की जांच में सहयोग किया। आज कोर्ट में जब उन्हें पेश किया जाएगा तब हम उनके रिमांड का विरोध करेंगे।

बता दें कि सोमवार सुबह करीब 9 बजे प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार को कुछ अन्य अधिकारियों के साथ दफ्तर जाते देखा गया था। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों के माध्यम से 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली की शिकायत किए जाने के बाद बांबे हाईकोर्ट ने उनके विरुद्ध CBI जांच के निर्देश दिए थे। यह आदेश आने के बाद ही CBI ने देशमुख के विरुद्ध प्राथमिक जांच शुरू कर दी थी और उन्हें महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

ईडी अब तक 5 बार देशमुख को पूछताछ के लिए हाजिर होने का समन भेज चुकी है। पिछले सप्ताह बांबे हाईकोर्ट ने उनको राहत देने से इन्कार कर दिया था। सोमवार को ईडी के सामने पेश होने से पहले देशमुख ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो और पत्र जारी करके कहा कि हालांकि, उच्च न्यायालय ने मुझे संवैधानिक अधिकार के तहत विशेष अदालत में जाने की स्वतंत्रता दी है। लेकिन फिर भी मैं आज ईडी कार्यालय जाऊंगा और जांच में सहयोग करूंगा।
पिछले शुक्रवार को ही उच्च न्यायालय उनकी उस याचिका को खारिज कर चुका है, जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा भेजे जा रहे समन को रद्द करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति नितिन जमादार एवं सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने साफ कर दिया था कि देशमुख की याचिका सीबीआई और ईडी को उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने के आदेश के योग्य नहीं है। हालांकि, अदालत ने उन्हें थोड़ी राहत देते हुए कहा था कि यदि देशमुख को अपनी गिरफ्तारी की आशंका है तो इससे बचने के लिए वे आम आदमी की तरह उचित अदालत में जा सकते हैं।
ईडी के सामने हाजिर होने से पहले देशमुख ने यह सवाल भी उठाया कि परमबीर सिंह की शिकायत पर उनकी जांच हो रही है। वह इसमें सहयोग करने के लिए ईडी के सामने पेश हो रहे हैं। लेकिन शिकायत करने वाले परमबीर सिंह कहां हैं? सुनने में आ रहा है कि वे तो विदेश भाग चुके हैं।

देशमुख को विशेष अदालत ने 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा
अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है।
अनिल देशमुख अपने वकील के साथ सोमवार दोपहर बेलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे थे, जहां देर रात तक उनसे पूछताछ होती रही। सूत्रों के मुताबिक, वह खुद पर लगे आरोपों से संबंधित ईडी के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जिसके कारण उन्हें रात डेढ़ बजे गिरफ्तार कर लिया गया।
मंगलवार को दोपहर बाद उन्हें अवकाशकालीन अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी.बी.जाधव के सामने पेश किया गया। जहां ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने उन्हें 14 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजे जाने की मांग की थी। क्योंकि उनके द्वारा किए गए लेनदेन की जांच के लिए उन्हें हिरासत में रखा जाना जरूरी है। लेकिन अनिल देशमुख के वकीलों विक्रम चौधरी एवं अनिकेत निकम ने इसका विरोध किया और कहा कि ईडी को इस मामले में देशमुख की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि मुंबई उच्च न्यायालय ने सिर्फ सीबीआई को उन पर लगे आरोपों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
देशमुख के वकीलों ने उनकी उम्र का भी हवाला देते हुए कहा कि 71 वर्षीय देशमुख का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। उन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है। इसी वर्ष फरवरी में कोविड से भी पीड़ित रह चुके हैं। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए पुलिस अधिकारियों से मुंबई के बियर बारों एवं रेस्टोरेंट्स से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली करने को कहा था। सिंह के इन आरोपों पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 21 अप्रैल को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई जांच शुरू होने के बाद ही देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
सीबीआई की प्रारंभिक जांच के दौरान पता चला कि तत्कालीन एपीआई सचिन वाझे के जरिए मुंबई के कई बारों से करीब 4.70 करोड़ रुपयों की वसूली की गई। इनमें से 4.18 करोड़ रुपए हवाला के जरिए दिल्ली की कुछ कागजी कंपनियों को भेजे गए। उन कंपनियों से यह पैसा देशमुख के एक पारिवारिक न्यास श्री साईं शिक्षण संस्थान को भेजा गया। पैसों का यह लेनदेन देशमुख के दो सहयोगियों के जरिए किया गया। इनमें से एक अतिरिक्त जिलाधिकारी रैंक के उनके निजी सचिव संजीव पलांडे एवं उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे थे। ईडी इन दोनों को कई माह पहले गिरफ्तार कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय पूर्व गृहमंत्री पर लगे 100 करोड़ रुपयों की वसूली मामले में उनकी जांच कर रहा है।