ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहरसामाजिक खबरें ‘अभियान’ का मुख्य उद्देश्य लोक-विधा के माध्यम से अपनी संस्कृति को गौरवान्वित करना: अमरजीत मिश्र 16th August 202316th August 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this स्वतंत्रता दिवस पर हुआ भव्य कजरी महोत्सव का समापन मुंबई: महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि लोक साहित्य किसी भी समाज, वर्ग या समूह के सामूहिक जीवन का दर्पण होता है। इसमें किसी व्यक्ति विशेष का चिंतन, विवेचन या विश्लेषण नहीं होता, बल्कि सामूहिक चेतना, अनुभवों, संवेदनाओं की अभिव्यक्ति रहती है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए लोक साहित्य का अध्ययन आवश्यक होता है। लोक साहित्य की एक सशक्त विधा है-लोकगीत। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु के आने पर लोगों के मन में जिस नये उल्लास व उमंग का संचार होता है, उस भाव की अभिव्यक्ति करती है- कजरी। लोक के गौरव को सम्मानित करने के लिए लोकसंगीत से बेहतर कोई दूसरी विधा नहीं हो सकती। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी और साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्था ‘अभियान’ के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर के सी कॉलेज सभागार में लोकमहोत्सव कजरी का आयोजन किया गया। पूर्व उपमहापौर अरुण देव, प्रसिद्ध कहानीकार डॉ. माधुरी छेड़ा, ‘अभियान’ के संस्थापक अध्यक्ष अमरजीत मिश्र और महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ शीतला प्रसाद दुबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सुरेश मिश्र द्वारा कजरी धुन पर सरस्वती वंदना के साथ महाराष्ट्र राज्य गीत की प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अकादमी और ‘अभियान’ ने उपस्थित अतिथियों को पुस्तक देकर सम्मानित किया। आरंभ में अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ दुबे ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कजरी महोत्सव के आयोजन की आवश्यकता रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ‘भारत’ में लोक भाषा, लोक साहित्य और लोक-संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी हैं। वहीँ बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यमंत्री अमरजीत मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘अभियान’ पिछले 12 वर्षों से कजरी महोत्सव का आयोजन करता रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लोक-विधा के माध्यम से अपनी संस्कृति को गौरवान्वित करने के साथ ही उसे संरक्षित करना भी है। बता दें कि १ अगस्त से प्रतिदिन आयोजित इस महोत्सव का समापन स्वतंत्रता दिवस के दिन हुआ। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के साथ ही ‘अपनी माटी अपना देश’ की अवधारणा को प्रमाणित करने का यह उपक्रम भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित करने की पहल थी। सुगंधित फूलों से सजे झूले और मेहंदी रचाती माताओं-बहनों के बीच खचाखच भरे सभागार में लोकगायिका संजोली पांडेय ने आरंभ में जब देश प्रेम का गीत गाया तो पूरे सभागृह के होठों पर भारत मां की वंदना के स्वर गूंज उठे। फिर शुरू हुई कजरी प्रस्तुति, जिसका आनंद लेते हुए उपस्थित लोगों में अपने गांवों की स्मृतियां ताजा हो उठीं। संजोली पांडेय की प्रस्तुति से लोग थिरकने से स्वयं को रोक नहीं सके और झूला, गायन, मेंहदी के साथ नृत्य ने समां बांध दिया। मंच पर कजरी प्रस्तुति तथा सभागार में मंत्रमुग्ध श्रोताओं के बीच की दूरी संगीत ने मिटा दिया। लगभग तीन घंटे तक संगीत- सरिता प्रवाहित होती रही। इस मौके पर ‘अभियान’ की ओर से कच्छ की उच्च शिक्षित प्रथम महिला, एसएनडीटी विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर, वरिष्ठ रचनाकार डॉ माधुरी छेड़ा को शाॅल, पुस्तक और स्मृति चिह्न देकर ‘स्त्री शक्ति सम्मान’ से सम्मानित किया गया। अकादमी की उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू लोढ़ा ने झूला झूलते हुए गायिका संजोली पांडेय के सुर में सुर मिलाया तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस अवसर पर पूर्व विधायक अतुल शाह, पूर्व नगरसेवक आकाश राजपुरोहित, कमलाकर दलवी, शैलेश पांडेय, संतोष दीक्षित, राकेश सिंह, ब्रजेश तिवारी आदि लोग मंच पर उपस्थित थे। अकादमी के सदस्य डॉ संजय सिंह, गजानन महातपुरकर, कमला बड़ोनी आदि लोगों का भी स्वागत हुआ। राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया। Post Views: 99