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कोरोना के इलाज में विदेशी दवाओं पर निर्भर रहने से बचें: हाईकोर्ट

मुंबई: आयातित दवाओं पर बहुत ज्यादा निर्भरता से बचने की सलाह देते हुए बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से विदेश में बनी टोसिलिजुमाब जैसी दवाओं के उपयुक्त विकल्प के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कहा है। इस दवा का इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों के इलाज में किया जाता है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी ने कहा कि टोसिलिजुमाब के अभाव में सरकार नागरिकों को अन्य स्थानीय निर्मित, सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध दवाएं जिनका इसकी जगह इस्तेमाल किया जा सकता है, के बारे में अनिवार्य रूप से बताए। हाईकोर्ट ने कहा, भारत सरकार ने रिकार्ड पर अपना पक्ष रखा है कि आइटोलिजुमाब, डेक्सामेथासोन और मेथलप्रेडनिसोलोन समान और टोसिलिजुमाब से बेहतर हैं। आम धारणा को दुरुस्त करने का यही उपयुक्त समय है। आम धारणा है कि केवल टोसिलिजुमाब से ही गंभीर कोविड-19 रोगी का इलाज हो सकता है। हाईकोर्ट के छह मई के आदेश को शुक्रवार रात उसकी वेबसाइट पर जारी किया गया।

पुणे फिल्म संस्थान के छात्र चाहते हैं निलंबित हों ऑनलाइन कक्षाएं
पुणे फिल्म संस्थान एफटीआईआई के छात्र संगठन ने 2020 बैच के छात्रों के लिए तत्काल प्रभाव से आनलाइन कक्षाएं निलंबित करने की मांग की है। छात्र संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस ने जो चुनौती पैदा की है उससे कक्षाओं में भाग लेना उनके लिए कठिन हो गया है। छात्र संगठन ने अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए संस्थान के चेयरमैन शेखर कपूर से मुलाकात करने की इच्छा जताई है। संस्थान के प्रशासन ने हालांकि कहा है कि एक बैच के लिए कक्षाएं जारी रहेंगी। कई छात्र कक्षाओं में भाग ले रहे हैं और उनकी मांग है कि इसे जारी रखा जाए।